US जाने वालों के लिए खुशखबरी: कोविशील्ड की दोनों खुराक ले चुके भारतीयों को अमेरिका में मिलेगी एंट्री

India Made Vaccine Covishield अमेरिका में दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों को लेकर बनाए गए नियम में नए बदलाव किए गए हैं. दरअसल, अमेरिका ने नए इंटरनेशनल ट्रैवेल सिस्टम का एलान किया है. इसके तहत अमेरिका में नवंबर से केवल पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोगों को ही प्रवेश की अनुमति मिलेगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2021 7:51 PM

India Made Vaccine Covishield अमेरिका में दूसरे देशों से आने वाले यात्रियों को लेकर बनाए गए नियम में नए बदलाव किए गए हैं. दरअसल, अमेरिका ने नए इंटरनेशनल ट्रैवेल सिस्टम का एलान किया है. इसके तहत अमेरिका में नवंबर से केवल पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोगों को ही प्रवेश की अनुमति मिलेगी. खास बात यह है कि भारत उन 33 देशों में शामिल है, जहां से पूरी तरह से टीका लगाए गए यात्रियों को प्रवेश करने की अनुमति होगी. कोविशील्ड एकमात्र भारत निर्मित वैक्सीन है जो अब तक स्वीकृत टीकों की सूची में है.

बता दें कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना महामारी की शुरुआत में विदेशी यात्रियों को अमेरिका में प्रवेश करने से रोक लगाई थी. हालांकि, अब राष्ट्रपति बाइडेन की नई नीति से भारत जैसे देश के लोगों को यात्रा संबंधी पाबंदी से निजात मिल गई है. अमेरिका नवंबर से जर्मनी, इटली, स्पेन, स्विटजरलैंड, फ्रांस और भारत के साथ-साथ ब्रिटेन, आयरलैंड, ग्रीस, चीन, दक्षिण अफ्रीका, ईरान और ब्राजील सहित यूरोप के 26 देशों के पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोगों को ही हवाई यात्रा की अनुमति देगा. इसी के साथ ही वे भारतीय जो अमेरिका जाना चाहते हैं और कोविशील्ड के दोनों टीके लगवा लिए हैं, उन्हें अमेरिका में एंट्री मिलेगी.

अमेरिका में इस एलान के साथ ही व्हाइट हाउस ने भी स्पष्ट किया किया है कि यूएस में एंट्री के लिए कौन से टीके स्वीकार किए जाएंगे, इस पर अंतिम फैसला यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CSD) लेगा. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने साफ कर दिया है कि अमेरिका में किसी भी शख्स को पूरी तरह से वैक्सीनेटेड तभी माना जाएगा, जब उन्हें कोई एफडीए अधिकृत जैब या विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अधिकृत टीका लगा होगा. वहीं डब्ल्यूएचओ द्वारा अब तक सिर्फ सात टीकों को उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया है. इनमें मॉडर्ना, फाइजर-बायोएनटेक, जॉनसन एंड जॉनसन, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका, कोविशील्ड और चीन की सिनोफार्म और सिनोवैक शामिल हैं.

वहीं, भारत बायोटेक द्वारा विकसित स्‍वदेशी कोवैक्सिन को अब तक स्वीकृति नहीं मिली है, क्योंकि इसे न तो विश्व स्वास्थ्य संगठन और न ही यूएस एफडीए द्वारा अनुमोदित किया गया है. भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन की स्वीकृति के लिए डब्ल्यूएचओ में आवेदन किया है और इसकी जल्‍द मंजूरी मिलने की उम्‍मीद है. वहीं, नवंबर से अब कोई भारतीय अमेरिका के यात्रा पर जाता है तो उसे पहले वैक्सीनेशन पेश करना होगा तथा उसे पहुंचने पर क्वारंटाइन होने की जरूरत नहीं होगी.

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