कोरोना की दूसरी लहर में देश भर में 270 डॉक्टरों की गयी जान, पहली लहर में हुई थी 748 की मौत

नयी दिल्ली : कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus) की इस दूसरी लहर ने भारत में करीब 270 डॉक्टरों की जान ले ली. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने मंगलवार को कहा कि देश ने कोरोनोवायरस संक्रमण (कोविड -19 महामारी) की दूसरी लहर में 270 डॉक्टरों को खो दिया. आज ही आईएमए के पूर्व अध्यक्ष और जाने माने चिकित्सक डॉ के के अग्रवाल का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया. डॉ अग्रवाल ने कोरोना संकट में कई गरीबों की सेवा की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2021 2:33 PM

नयी दिल्ली : कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus) की इस दूसरी लहर ने भारत में करीब 270 डॉक्टरों की जान ले ली. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने मंगलवार को कहा कि देश ने कोरोनोवायरस संक्रमण (कोविड -19 महामारी) की दूसरी लहर में 270 डॉक्टरों को खो दिया. आज ही आईएमए के पूर्व अध्यक्ष और जाने माने चिकित्सक डॉ के के अग्रवाल का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया. डॉ अग्रवाल ने कोरोना संकट में कई गरीबों की सेवा की.

आंकड़ों के अनुसार सबसे अधिक मौतें बिहार में हुई हैं. यहां कोरोना की दूसरी लहर में 78 डॉक्टरों की जान चली गयी है. इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में 37, दिल्ली में 29 और आंध्र प्रदेश में 22 डॉक्टरों की कोरोना संक्रमण से मौत हो चुकी है. यह डेटा कोरोना के दूसरे लहर की है. आईएमए ने कहा कि पिछले साल पहली लहर में देश भर में 748 डॉक्टरों ने कोविड बीमारी के कारण दम तोड़ दिया था.

समाचार एजेंसी पीटीआई ने आईएमए के अध्यक्ष डॉ जेए जयलाल के हवाले से कहा कि महामारी की दूसरी लहर सभी के लिए और विशेष रूप से हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स के लिए सबसे घातक साबित हुआ. फ्रंट लाइन से आगे रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए इसका संक्रमण ज्यादा घातक साबित हो रहा है. क्योंकि वे सीधे मरीज के संपर्क में रहते हैं.

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बता दें कि 16 जनवरी 2021 से शुरू हुए राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत सरकार ने सबसे पहले हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स को ही टीका लगाने का काम शुरू किया था. इसके बाद इसमें विस्तार किया गया और 60 साल से ऊपर के लोगों को टीका लगाया जाने लगा. बाद में इसे बढ़ाकर फिर 45 साल से ऊपर के लोगों पर भी लागू किया गया. अब 1 मई से सरकार ने 18 साल से ऊपर के लोगों के टीकाकरण को मंजूरी दे दी है.

कई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वैक्सीन की दो डोज लेने वाले लोगों की इस संक्रमण से मरने की दर काफी कम है. सरकार का भी इस बात पर जोर है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को कम समय में वैक्सीनेट किया जाए. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 11 मई तक 96 लाख हेल्थ वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है. वहीं, 65 करोड़ हेल्थ वर्कर्स ने टीके की दूसरी डोज भी ले ली है. देश में अब तक 18 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है.

Posted By: Amlesh Nandan

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