COVID-19 से ठीक हो चुके मरीज के एंटीबॉडी से बनी दवा ! जल्‍द होगी बाजार में उपलब्‍ध ?

कोरोना वायरस (coronavirus) से लड़ रही दुनिया के लिए एक अच्‍छी खबर मिल रही है. दावा किया जा रहा है कि अमेरिका में कोरोना से ठीक हो चुके मरीज के एंटीबॉडी (Antibody drug ) से दवा तैयार की गयी है और इसका इंसानों में परीक्षण भी किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 4, 2020 3:58 PM

नयी दिल्‍ली : कोरोना वायरस से लड़ रही दुनिया के लिए एक अच्‍छी खबर मिल रही है. दावा किया जा रहा है कि अमेरिका में कोरोना से ठीक हो चुके मरीज के एंटीबॉडी से दवा तैयार की गयी है और इसका इंसानों में परीक्षण भी किया जा रहा है. बताया जा रहा है‍ कि अमेरिकी कंपनी एली लिली ने कोविड-19 से ठीक हो चुके व्‍यक्ति के रक्‍त के नमूने से दवाई बनायी है. कंपनी का दावा है कि कोरोना मरीज को एंडीबॉडी से बनी पहली दवा को परीक्षण के तौर पर दिया गया है.

उस अमेरिकी कंपनी का दावा है कि कोरोना वायरस से ठीक हो चुके व्‍यक्ति के खून के नमूने लेकर तीन महीने के अंदर दवा तैयार की गयी है. कंपनी का दावा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा और परीक्षण में सकारात्‍मक परिणाम आते हैं तो इसे जल्‍द से जल्‍द बाजार में उतारा जाएगा.

मालूम हो कुछ दिनों पहले ही खबर आयी थी कि कोरोना वायरस की दवाई जल्‍द बना ली जाएगी और उसे भारत की मदद से पूरी दुनिया में उपलब्‍ध भी कराया जाएगा. भारत की ही मदद इस लिए क्‍योंकि भारत दवाओं का सबसे बड़ा निर्यातक देश है.

Also Read: Good News : इस साल भारत बना लेगा कोरोना वायरस का Vaccine ?

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले भारत से भी एक अच्‍छी खबर आयी थी कि यहां भी चार प्रकार से कोरोना वायरस का टीका बनाया जा रहा है और अक्‍टूबर तक इसको लेकर बड़ी खबर मिल सकती है.

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने जो सूचना दी है वो कोरोना के खिलाफ जंग में पूरी दुनिया के लिए बड़ी अच्‍छी खबर हो सकती है. के विजय राघवन ने बताया कि भारत में करीब 30 समूह कोरोना वायरस के खिलाफ टीका विकसित करने की कोशिश में लगे हैं जिनमें बड़े उद्योग घरानों से लेकर शिक्षाविद तक हैं.

राघवन ने कहा कि इन 30 में से 20 समूह बहुत तेज रफ्तार से काम कर रहे हैं. उन्होंने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा, भारत में बड़े उद्योगों से लेकर शिक्षाविदों तक करीब 30 समूह कोविड-19 के खिलाफ टीका विकसित करने की कोशिश में लगे हैं जिनमें से 20 अच्छी रफ्तार से काम कर रहे हैं. राघवन ने कहा कि सामान्य तौर पर टीका बनाने में करीब 10 साल लगते हैं, लेकिन दुनिया भर में कोरोना वायरस के लिए एक साल के अंदर टीका बनाने के लक्ष्य के साथ काम हो रहा है.

प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने बताया कि दुनिया भर में कोरोना वायरस के लिए एक साल के अंदर टीका बनाने के लक्ष्य के साथ काम हो रहा है. उन्‍होंने बताया कि अक्‍टूबर तक कोरोना के खिलाफ जंग में हमें बड़ी खुशखबरी मिल सकती है.

Posted By : arbind kumar mishra

Next Article

Exit mobile version