भारत में आई मलेरिया के मामलों में गिरावट, 86 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज, मौतों में 79 प्रतिशत की कमी

Malaria Deaths Down in India: भारत में मलेरिया के मामलों में भारी गिरावट देखने को मिली है. आपको बता दें 2015 के बाद से 86 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई है और 2015 तथा 2021 के बीच इस बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या में 79 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है.

By Agency | June 22, 2022 6:05 PM

Malaria Deaths Down in India: भारत में मलेरिया के मामलों में 2015 के बाद से 86 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई है और 2015 तथा 2021 के बीच इस बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या में 79 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. गैर-लाभकारी संगठन ‘मलेरिया नो मोर’ की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. ‘मलेरिया उन्मूलन की ओर भारत का सफर’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 और 2019 के बीच मलेरिया से लड़ने के लिए भारत का बजटीय आवंटन दोगुने से अधिक हो गया और 31 राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों में इस बीमारी के बारे में सूचना देने को जरूरी बना दिया गया.

इसमें लंबे समय तक चलने वाले नौ करोड़ से अधिक कीटनाशक जाल के वितरण का भी योगदान रहा जिनमें से 4.8 करोड़ कीटनाशक जाल 2019 और 2021 के बीच वितरित किए गए. सरकार का लक्ष्य 2030 तक देश से मलेरिया को खत्म करना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान किया जाना बाकी है, जिसमें निजी क्षेत्र, व्यक्तियों और समुदायों से बीमारी के खिलाफ संयुक्त लड़ाई में अधिक भागीदारी शामिल है.

मलेरिया के मामलों की प्रभावी रूप से सूचना देने में निजी क्षेत्र की भागीदारी, बिना लक्षण वाले मलेरिया के मामलों का पता लगाना, सही समय पर मामलों की सूचना देना और प्रौद्योगिकी नवाचार ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें अधिक काम करने की आवश्यकता है. ‘मलेरिया नो मोर’ के कंट्री डायरेक्टर प्रतीक कुमार ने बुधवार को यहां मलेरिया पर आयोजित एक मीडिया वर्कशॉप में कहा कि भारत में मलेरिया को गरीब आदमी की बीमारी के रूप में माना जाता है, इस प्रकार सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंडे में इसे कम प्राथमिकता दी जाती है.

उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से कार्रवाई और ध्यान बढ़ाने की जरूरत है. कुमार ने कहा, “हालांकि, महत्वाकांक्षी लक्ष्य केवल सरकार द्वारा प्राप्त नहीं किया जा सकता और समाज के सभी वर्गों से सक्रिय भागीदारी एवं समर्थन की आवश्यकता है. मलेरिया को खत्म करने के प्रयास में सभी लोग शामिल हों ताकि 2030 तक देश से बीमारी को खत्म करने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके.”

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