लाल किला हिंसा मामले के आरोपी दीप सिद्धू को मिली सशर्त जमानत, तिरंगा हटाकर धार्मिक ध्वज लहराने का है आरोप

बीते 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा मामले में प्रदर्शनकारियों पर आरोप है कि उन्होंने भारत के राष्ट्रीय झंडे तिरंगे को लाल किला के प्राचीर से हटाकर धार्मिक ध्वज लहराया था. इस मामले में पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू पर आरोप है कि उन्होंने इसके लिए भीड़ को भड़काने का काम किया था.

By Prabhat Khabar Print Desk | April 17, 2021 12:28 PM

नई दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली में हिंसा और लाल किला मामले के आरोपी को शनिवार को दिल्ली की एक अदालत से सशर्त जमानत मिल गई है. आवश्यक दस्तावेजी कार्रवाई पूरी होने के बाद पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू जेल से रिहा कर दिए जाएंगे.

बीते 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा मामले में प्रदर्शनकारियों पर आरोप है कि उन्होंने भारत के राष्ट्रीय झंडे तिरंगे को लाल किला के प्राचीर से हटाकर धार्मिक ध्वज लहराया था. इस मामले में पंजाबी अभिनेता दीप सिद्धू पर आरोप है कि उन्होंने इसके लिए भीड़ को भड़काने का काम किया था. फिलवक्त, उन्हें दिल्ली की अदालत से जमानत दी जा चुकी है. उन्हें 30-30 हजार रुपये के मुचलके के साथ दो जमानतियों के आधार पर सशर्त जमानत दी गई है.

दीप सिद्धू की जमान पर कुछ शर्तें निर्धारित करते हुए अदालत ने कहा कि वे अपना पासपोर्ट जांच अधिकारी पास जमा करा देंगे. इसके साथ ही, जिस फोन नंबर का वह इस्तेमाल करेंगे, उसकी जानकारी जांच अधिकारी को देना होगा. हर महीने की एक और 15 तारीख को वे अपना लोकेशन बताते रहेंगे. साथ ही, वे चौबीसों घंटे अपने फोन की लोकशन को ऑन रखने के साथ उसे कभी स्विच ऑफ नहीं करेंगे.

गौरतलब है कि पिछले दिनों लाल किला मामले में सुनवाई के दौरान दीप सिद्धू के वकील ने जमानत की खातिर कोर्ट में दलील देते हुए कहा था कि सिद्धू हिंसा में शामिल नहीं थे. वे देश के एक जिम्मेदार नागरिक हैं. उनके वकील ने अपने तर्क में कहा था कि वे सिर्फ प्रदर्शन से जुड़े हुए थे, हिंसा से उनका कोई लेना-देना नहीं था. चूंकि वे पब्लिक फिगर हैं, इसलिए उन्हें साजिश का शिकार बनाया गया है.

वहीं, अदालत में दिल्ली पुलिस ने दर्ज बयान में कहा कि दीप सिद्धू ने कानून को अपने हाथ में लेने का काम किया था. उन्होंने भीड़ को उकसाने का काम किया था. इसी का नतीजा था कि उस हिंसा में दर्जनों पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.

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Posted by : Vishwat Sen

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