रेल मंत्री पीयूष गोयल ने की चार धाम परियोजनाओं के लिए लास्ट माइल कनेक्टिविटी योजनाओं की समीक्षा

Last Mile Connectivity Plans For Char Dham Projects रेल मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister of Railways Piyush Goyal) ने गुरुवार को चार धाम परियोजनाओं (Char Dham Projects) के लिए लास्ट माइल कनेक्टिविटी योजनाओं (Last Mile Connectivity Plans) की समीक्षा की. इस दौरान रेल मंत्री पीयूष गोयल ने संबंधित अधिकारियों को नागरिकों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी विकल्पों की एक विस्तृत समीक्षा करने का निर्देश भी दिया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 27, 2021 10:39 PM

Last Mile Connectivity Plans For Char Dham Projects रेल मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister of Railways Piyush Goyal) ने गुरुवार को चार धाम परियोजनाओं (Char Dham Projects) के लिए लास्ट माइल कनेक्टिविटी योजनाओं (Last Mile Connectivity Plans) की समीक्षा की. इस दौरान रेल मंत्री पीयूष गोयल ने संबंधित अधिकारियों को नागरिकों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी विकल्पों की एक विस्तृत समीक्षा करने का निर्देश भी दिया.

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पर्यटन की जरूरत को पूरा करने और तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित एवं समय पर मंदिर तक पहुंचने को सुविधाजनक बनाने को लेकर परियोजना के लिए एक व्यापक योजना बनाने की आवश्यकता है. चार धाम यानी यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ से नई बीजी रेल संपर्क के लिए अंतिम स्थान सर्वेक्षण पूरा होने के करीब है. बता दें कि भारतीय रेलवे 327 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के माध्यम से उत्तराखंड में चार धाम स्थलों को जोड़ने के लिए एक बहुप्रतीक्षित परियोजना पर काम कर रहा है. इससे श्रद्धालुओं के लिए चार धाम यात्रा और आसान हो जाएगी.

भक्त उत्तराखंड के गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ की यात्रा रेल से कर सकेंगे. इस पूरे प्रोजेक्ट में अधिकांश लाइनें दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों से होकर गुजरेंगे. जानकारी के मुताबिक, रेलवे को परियोजना के लिए कई सुरंगों का निर्माण करना होगा. रेलवे लाइन गंगोत्री और यमुनोत्री को जोड़ेगी. वहीं, बद्रीनाथ और केदारनाथ भी रेलवे नेटवर्क से जुड़ेंगे. जानकारी के मुताबिक, यह रेल लाइन देहरादून, पौड़ी, गढ़वाल, चमोली, रुद्र प्रयाग और उत्तरकाशी से भी गुजरेगी. केदारनाथ और बद्रीनाथ रेल संपर्क कर्णप्रयाग स्टेशन से शुरू होगा, जो 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग नई बीजी रेल लाइन परियोजना का हिस्सा है. इन चार धामों से रेल संपर्क होने के बाद यात्रा को अधिक सुरक्षित, सस्ती, आरामदायक, पर्यावरण के अनुकूल और सभी मौसमों के अनुकूल बना देगा.

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