Atal Bihari Vajpayee: अटल बिहारी वाजपेयी ने इस वजह से नहीं की शादी, जानें उनके जीवन की कुछ अनसुनी बातें

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी उन चुनिंदा नेताओं में से एक थे, जो बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. वाजपेयी जी से जुड़ी कई किस्से हैं, जिसको आज भी याद किए जाते है. चलिए जानते हैं, उनके जीवन की कुछ अनसुनी बातें.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 16, 2022 11:17 AM

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज पुण्यतिथि है. इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया था. बता दें कि साल 2018 में आज ही के दिन दिल्ली के एम्स में वाजपेयी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. वाजपेयी को 2015 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. आज हम आपको उनके जीवन की कुछ अनसुनी बातें बताएंगे.

अटल बिहारी वाजपेयी की जीवन की कुछ अनसुनी बातें

  • अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 (क्रिसमस के दिन) को एक ब्राह्मण परिवार में जन्म हुआ था. उन्हें मांसाहारी खाना बहुत पसंद था और उनका पसंदीदा भोजन झींगा था.

  • भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी को 23 दिनों के लिए जेल में डाल दिया गया था.

  • अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी शादी नहीं की और जब उनसे इसके पीछे का कारण पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “मैं इतना व्यस्त रहता हूं कि भूल गया.”

  • वह 4 राज्यों – यूपी, एमपी, नई दिल्ली और गुजरात के छह लोकसभा क्षेत्रों में जीतने वाले एकमात्र नेता हैं.

  • वह 47 साल तक संसद सदस्य रहे – 11 बार लोकसभा से और दो बार राज्यसभा से चुने गए.

  • अटल बिहारी वाजपेयी और उनके पिता एक दूसरे के सहपाठी थे. वह और उनके पिता कानून की पढ़ाई के लिए एक ही लॉ कॉलेज (कानपुर में डीएवी कॉलेज) में पढ़ने के लिए गए और उन्होंने हॉस्टल में एक ही कमरा भी शेयर किया.

  • अटल बिहारी वाजपेयी संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिंदी में भाषण देने वाले पहले भारतीय राजनेता थे.

  • प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, भारत ने पोखरण, राजस्थान में एक सफल परमाणु परीक्षण किया, जिसका नाम ऑपरेशन शक्ति था.

  • 2009 में वाजपेयी को दौरा पड़ा, जिसके बाद उनके भाषण और हाथ की गति बाधित हो गई.

  • कविता के प्रति उनका प्रेम बचपन से ही स्पष्ट था. जब वे 10वीं कक्षा में थे तब उन्होंने पहली कविता लिखी थी. जिसका नाम हिंदू तन मन, हिंदू जीवन, राग राग हिंदू- मेरा परिचय…है.

Also Read: Atal Bihari Vajpayee: अटल बिहारी बाजपेयी की 5 कविताएं, जो आपको आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने में करेगी मदद
हिन्दू तन–मन, हिन्दू जीवन, रग–रग हिन्दू मेरा परिचय!

हिन्दू तन–मन, हिन्दू जीवन, रग–रग हिन्दू मेरा परिचय!

मै शंकर का वह क्रोधानल कर सकता जगती क्षार–क्षार

डमरू की वह प्रलय–ध्वनि हूँ, जिसमे नचता भीषण संहार

रणचंडी की अतृप्त प्यास, मै दुर्गा का उन्मत्त हास

मै यम की प्रलयंकर पुकार, जलते मरघट का धुंआधार

फिर अंतरतम की ज्वाला से जगती मे आग लगा दूं मैं

यदि धधक उठे जल, थल, अंबर, जड चेतन तो कैसा विस्मय?

हिन्दू तन–मन, हिन्दू जीवन, रग–रग हिन्दू मेरा परिचय!

मै अखिल विश्व का गुरु महान्, देता विद्या का अमरदान

मैने दिखलाया मुक्तिमार्ग, मैने सिखलाया ब्रह्मज्ञान

मेरे वेदों का ज्ञान अमर, मेरे वेदों की ज्योति प्रखर

मानव के मन का अंधकार, क्या कभी सामने सका ठहर?

मेरा स्वर्णभ मे घहर–घहर, सागर के जल मे छहर–छहर

इस कोने से उस कोने तक, कर सकता जगती सोराभ्मय

हिन्दू तन–मन, हिन्दू जीवन, रग–रग हिन्दू मेरा परिचय!

मैने छाती का लहू पिला, पाले विदेश के क्षुधित लाल

मुझको मानव में भेद नही, मेरा अन्तस्थल वर विशाल

जग से ठुकराए लोगों को लो मेरे घर का खुला द्वार

अपना सब कुछ हूँ लुटा चुका, फिर भी अक्षय है धनागार

मेरा हीरा पाकर ज्योतित परकीयों का वह राजमुकुट

यदि इन चरणों पर झुक जाए कल वह किरीट तो क्या विस्मय?

हिन्दू तन–मन, हिन्दू जीवन, रग–रग हिन्दू मेरा परिचय!

होकर स्वतन्त्र मैने कब चाहा है कर लूँ सब को गुलाम?

मैने तो सदा सिखाया है करना अपने मन को गुलाम

गोपाल–राम के नामों पर कब मैने अत्याचार किया?

कब दुनिया को हिन्दू करने घर–घर मे नरसंहार किया?

कोई बतलाए काबुल मे जाकर कितनी मस्जिद तोडी?

भूभाग नहीं, शत–शत मानव के हृदय जीतने का निश्चय

हिन्दू तन–मन, हिन्दू जीवन, रग–रग हिन्दू मेरा परिचय!

मै एक बिन्दु परिपूर्ण सिन्धु है यह मेरा हिन्दु समाज

मेरा इसका संबन्ध अमर, मैं व्यक्ति और यह है समाज

इससे मैने पाया तन–मन, इससे मैने पाया जीवन

मेरा तो बस कर्तव्य यही, कर दू सब कुछ इसके अर्पण

मै तो समाज की थाति हूँ, मै तो समाज का हूं सेवक

मै तो समष्टि के लिए व्यष्टि का कर सकता बलिदान अभय

हिन्दू तन–मन, हिन्दू जीवन, रग–रग हिन्दू मेरा परिचय!

Next Article

Exit mobile version