33 साल बाद सेना प्रमुख की नियुक्ति में वरिष्ठता का नहीं रखा गया ख्‍याल, उठे सवाल

नयी दिल्ली : मोदी सरकार के द्वारा लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को अगला सेना अध्यक्ष घोषित करने पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने कहा है कि नियुक्ति में वरिष्ठता का ख्याल नहीं रखा गया आखिर ऐसा क्यों ? कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने मामले को लेकर अपने ट्विटर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 18, 2016 9:36 AM

नयी दिल्ली : मोदी सरकार के द्वारा लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को अगला सेना अध्यक्ष घोषित करने पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस ने कहा है कि नियुक्ति में वरिष्ठता का ख्याल नहीं रखा गया आखिर ऐसा क्यों ?

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने मामले को लेकर अपने ट्विटर वॉल के माध्‍यम से पूछा है कि आर्मी चीफ की नियुक्ति में वरिष्ठता का ख्याल क्यों नहीं रखा गया? क्यों लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी और लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद अली हरीज की जगह बिपिन रावत को प्राथमिकता दी गई. पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह के बाद सबसे वरिष्ठ है जबकि दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरीज अगले सबसे वरिष्ठ हैं.

कांग्रेस नेता तिवारी ने दावा किया है कि लेफ्टिनेंट जनरल रावत तीसरे नहीं बल्कि चौथे वरिष्ठ हैं. मध्य कमांड के सेना कमान के लेफ्टिनेंट जनरल बीएस नेगी वरिष्ठता में उनसे आगे हैं.

इधर सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो के सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा कि आम तौर पर हम सशस्त्र बलों से संबंधित मुद्दों पर टिप्पणी कभी नहीं करते, लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार भारत के प्रमुख संस्थानों के नियमों को बदलने के प्रयास में है.

यहां उल्लेख कर दें कि 1983 में लेफ्टिनेंट जनरल एएस वैद्य को थल सेना प्रमुख बनाया गया था, जबकि उनसे वरिष्ठ सेनाधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिन्हा थे.

गौरतलब है कि सरकार ने उप थल सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को उनके दो वरिष्ठ अधिकारियों से आगे बढाते हुए शनिवार को नया थल सेना प्रमुख नियुक्त किया और उप वायुसेना प्रमुख मार्शल बी एस धनोआ को भारतीय वायुसेना का नया प्रमुख बनाया. इस संबंध में रक्षा मंत्रालय ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सरकार ने उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को नया सेना प्रमुख नियुक्त करने का फैसला किया है और यह नियुक्ति 31 दिसंबर दोपहर बाद से प्रभावी होगी.’ मंत्रालय ने यह भी ट्वीट किया कि एयर मार्शल बी एस धनोआ 31 दिसंबर दोपहर बाद से वायु सेना प्रमुख के रुप में कार्यभार संभालेंगे. रावत जनरल दलबीर सिंह के बाद यह कार्यभार संभालेंगे और धनोआ वायु सेना प्रमुख अरुप राहा की जगह कार्यभार संभालेंगे.

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