लॉकडाउन का सामना करने पर 89% लोगों ने कहा- स्कूलों को अब है पढ़ाई का तरीका बदलने की आवश्यकता

भारत के 89 प्रतिशत लोगों ने कहा कि स्कूलों को अब अपने पढ़ाने के तरीकों को बदलने की आवश्यकता है

By दिल्ली ब्यूरो | April 4, 2020 6:02 PM

कोविड-19 महामारी ने वैश्विक स्तर पर शिक्षा में बाधा उत्पन्न कर दिया है. छात्रों तक शिक्षा पहुंचाने के लिए शिक्षण संस्थानों द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें ऑनलाइन क्लासेस बेहतरीन विकल्प बन कर उभर रही हैं. बावजूद लोग इसे शिक्षा प्राप्त करने का उपयुक्त विकल्प नहीं मान रहे.

भारत में स्कूल कम्युनिटी के लिए बनाए गए स्कूल मीडिया और एंगेजमेंट इकोसिस्टम फेयरगेज ने मौजूदा हालातों को देखते हुए एक सर्वेक्षण किया, जिसमें 89 प्रतिशत लोगों ने कहा कि स्कूलों को अब अपने पढ़ाने के तरीकों को बदलने की आवश्यकता है. वहीं 49 प्रतिशत ने इस बात पर सहमति जतायी कि शिक्षकों को कोर्स पूरा कराने के लिए किताबों की बजाय ऑनलाइन एजुकेशन पोर्टल का प्रयोग शुरू करना चाहिए.

जनवरी, 2020 में शुरू किए गए इस सर्वेक्षण में स्कूल, छात्रों, अभिभावकों, अधिकारियों और शिक्षा उद्योगों के अन्य साझेदारों समेत स्कूल कम्युनिटीज को शामिल किया गया.

सर्वेक्षण में दिलचस्प तथ्य यह सामने आया कि 58 प्रतिशत से अधिक लोग इस बात से सहमत नहीं हुए कि ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल स्कूलों की जगह ले सकते हैं. 55 प्रतिशत लोगों ने कहा कि ऑनलाइन एजुकेशन पोर्टल, स्कूल के शिक्षकों की जगह नहीं ले सकते हैं. न ही वे स्कूल शिक्षकों से बेहतर तरीके से बच्चों को सिखा सकते हैं.

एनसीइआरटी के सचिव मेजर हर्ष कुमार भी मानते हैं कि ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल कभी स्कूलों की जगह नहीं ले सकता. हालांकि वे संकट के इस दौर में ऑनलाइन एजुकेशन पोर्टल की भूमिका को काफी उपयुक्त बताते हैं. हर्ष कहते हैं कि इस वक्त हमें सीखने के नए तरीकों को विकसित करने की आवश्यकता है, जिसके लिए ऑनलाइन एजुकेशन पोर्टल एक अच्छा विकल्प है. इस महामारी ने हमें शिक्षण की मिश्रित पद्धति को लागू करने के लिए मजबूर किया है.

वहीं सीबीएसइ के सचिव, अनुराग त्रिपाठी ने हाल में एक संवाद के दौरान बताया कि लॉकडाउन की इस स्थिति में अधिकतर स्कूलों ने ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दी हैं. इन क्लासेस में शिक्षा के साथ-साथ छात्रों को घर के छोटे-छोटे कामों में हाथ बंटाने, हल्का शारीरिक व्यायाम करने, ध्यान और योग के साथ अपने दिन की शुरुआत करने की सलाह दी जा रही है, ताकि पूरा दिन घर में रहने के दौरान उन्हें किसी तरह का तनाव न हो.

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