पढें, सर्जिकल ऑपरेशन की 10 खास बातें, कई आतंकी ढेर, बौखलाया पाकिस्तान

नयी दिल्ली : उरी हमले के बाद भारत ने अपने जवानों की शहादत का पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया है जिससे पड़ोसी मुल्क बौखला गया है. डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन लेफ्टिनेंट जनरल रनवीर सिंह ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जानकारी दी कि भारत ने लाइन ऑफ कंट्रोल के पार सर्जिकल स्ट्राइक की है. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 29, 2016 2:28 PM

नयी दिल्ली : उरी हमले के बाद भारत ने अपने जवानों की शहादत का पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया है जिससे पड़ोसी मुल्क बौखला गया है. डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन लेफ्टिनेंट जनरल रनवीर सिंह ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जानकारी दी कि भारत ने लाइन ऑफ कंट्रोल के पार सर्जिकल स्ट्राइक की है. भारत ने बहुत ही पुख्ता जानकारी के बाद लाइन ऑफ कंट्रोल के पार आतंकवादी ठिकाने पर हमला कर उसे निस्तोनाबूद कर दिया है. सिंह ने बताया कि भारत ने बीती रात नियंत्रण रेखा के पार स्थित आतंकी शिविरों पर सर्जिकल हमले किए जिनमें आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुंचा है और अनेक आतंकवादी मारे गए हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप भी मौजूद थे. आइए एक नजर डालते हैं प्रेस कॉन्फ्रेंस की मुख्‍य बतों पर…

1. जनरल सिंह ने कहा कि भारत ने सर्जिकल हमलों के बारे में जानकारी पाकिस्तानी सेना के साथ साझा की. कार्रवाई इस ‘‘अत्यंत विशिष्ट सूचना’ के बाद की गई कि आतंकवादी नियंत्रण रेखा के पास डेरा डाल रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह क्षेत्र में शांति एवं अमन बनाए रखने का भारत का इरादा है, लेकिन हम निश्चित तौर पर नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों को सक्रिय रहने तथा हमारे देश के नागरिकों पर हमलों की अनुमति नहीं दे सकते.’

2. सर्जिकल हमलों की अवधि या यह किस समय किए गए और किस स्थान पर किए गए , इस बारे में जानकारी तत्काल साझा नहीं की गई है. डीजीएमओ ने कहा, ‘‘भारत के खिलाफ अपनी जमीन या क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं होने देने की पाकिस्तान द्वारा 2004 में की गई प्रतिबद्धता के अनुरुप हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तानी सेना अपने क्षेत्र से आतंकवाद को उखाड फेंकने के नजरिए से हमारा सहयोग करेगी.

3. जनरल सिंह ने बताया कि भारतीय सेना ने बीती रात नियंत्रण रेखा के पार आतंकी लांच पैडों पर सर्जिकल हमले किए. भारत किसी भी तरह की स्थिति के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवाद रोधी इन अभियानों में आतंकवादियों तथा उन्हें मदद पहुंचाने की कोशिश करने वालों को भारी नुकसान पहुंचा है.’

4. जनरल सिंह ने कहा कि आतंकी शिविरों को भारी नुकसान पहुंचा है और अनेक आतंकी मारे गए हैं. फिलहाल आगे और अभियान चलाने की योजना नहीं है. हालांकि सूत्रों ने बताया कि सर्जिकल हमलों में कम से कम दो आतंकी शिविरों पर हमला किया गया.

5. जनरल सिंह ने कहा कि हम नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादियों को सक्रिय रहने की अनुमति नहीं दे सकते. आतंकवादियों को मार गिराने के लिए चलाया गया अभियान समाप्त हो गया है तथा ‘‘फिलहाल आगे किसी और अभियान की योजना नहीं है. लेकिन साथ में यह भी कहा कि सशस्त्र बल आतंकवादियों को जम्मू कश्मीर या भारत के किसी भी बडे शहर पर कोई हमला करने की अनुमति नहीं दे सकते.

6. सिंह ने कहा कि हमले ‘‘अत्यंत विशिष्ट और विश्वसनीय’ खुफिया सूचना मिलने के बाद किए गए कि आतंकवादियों को जम्मू कश्मीर और भारत के कुछ बडे शहरों में हमले करने के लिए घुसपैठ कराई जा रही है. हमले का विवरण साझा करते हुए सिंह ने कहा, ‘‘हमें कल मिली इस अत्यंत विश्वसनीय और विशिष्ट सूचना के आधार पर कि आतंकवादियों के कुछ दल नियंत्रण रेखा पर आतंकी शिविरों में जम्मू कश्मीर और हमारे देश के अन्य महानगरों में हमले करने के उद्देश्य से एकत्र हुए हैं.

7. इस हमले की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति :सीसीएस: की बैठक के तुरंत बाद की गई. बैठक में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरण जेटली, सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग और सैन्य अभियान महानिदेशक :डीजीएमओ: सिंह भी मौजूद थे.

8. जनरल सिंह ने कहा कि हाल में भारत में घुसपैठ के 20 प्रयास किए गए. जीपीएस प्रणालियों पर पाकिस्तानी चिह्न थे तथा उनसे अन्य चीजें भी मिलीं. उन्होंने कहा कि पकडे गए आतंकवादियों में से कुछ लोग पाकिस्तान के रहने वाले थे. उन्हें वहां प्रशिक्षण दिया गया था.

9. सिंह ने कहा कि हमारे राष्ट्रपति के इस आग्रह के बावजूद कि पाकिस्तान 2004 में की गई अपनी उस प्रतिबद्धता का पालन करे कि वह भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए अपनी जमीन या क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं होने देगा, घुसपैठ की घटनाओं या हमारे क्षेत्र में आतंकी हरकतों में कोई कमी नहीं आई.

10. सिंह ने आगे कहा कि यदि नुकसान सीमित हुआ है तो यह प्राथमिक तौर पर भारतीय सेना के प्रयासों की वजह से है जो कई स्तरीय घुसपैठ रोधी ग्रिड में तैनात हैं और उन स्थानों पर घुसपैठ के ज्यादातर प्रयास विफल कर दिए गए. जारी खतरे के मद्देनजर भारतीय सशस्त्र बल अत्यंत सतर्क हैं.’

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