शिवसेना ने कसूरी की किताब को चर्चे में ला दिया : चेतन भगत

मुंबई : पाकिस्तानी हस्तियों के खिलाफ अपनी मुहिम को जारी रखते हुए सोमवार को शिवसैनिकों ने एक कदम आगे बढ़कर भाजपा के पूर्व नेता सुधींद्र कुलकर्णी का मुंह काला कर दिया. इस विवाद में लेखक चेतन भगत भी कूद पड़े हैं. भगत ने सोमवार को एक के बाद एक ट्वीट किया और साहित्यकारों के साथ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 13, 2015 8:06 AM

मुंबई : पाकिस्तानी हस्तियों के खिलाफ अपनी मुहिम को जारी रखते हुए सोमवार को शिवसैनिकों ने एक कदम आगे बढ़कर भाजपा के पूर्व नेता सुधींद्र कुलकर्णी का मुंह काला कर दिया. इस विवाद में लेखक चेतन भगत भी कूद पड़े हैं. भगत ने सोमवार को एक के बाद एक ट्वीट किया और साहित्यकारों के साथ शिव सेना की भी आलोचना की.

चेतन भगत ने ट्वीट किया कि किसी तरह के प्रतीकवाद पर मुझे संदेह हो रहा है. यदि वास्तव में कोई मुद्दा आपको नजर आ रहा है तो उसपर आप लिख सकते हैं. लेकिन इसमें राजनीति का प्रवेश करना मुझे हास्यास्पद लगता है." एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि क्या आप मुझसे भी उम्मीद रखते हैं कि मैं साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दूं. यदि हां तो इंतजार कीजिए. अभी मुझे यह पुरस्कार मिला ही नहीं है." उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि यदि शिव सेना इस किताब का विरोध नहीं करती तो इसे इतनी चर्चा में यह किताब नहीं आती. यानी शिव सेना ने किताब का विरोध कर इसे पब्लिसिटी दे दी है.

इधर, सहयोगी शिवसेना को कडा संदेश देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने बीती रात पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी के खिलाफ उसके विरोध प्रदर्शनों को खारिज करते हुए कहा कि वह ‘‘राज्य को एक अराजक स्थल नहीं बनने दे सकते.’ गौरतलब है कि शिवेसना के कार्यकर्ताओं ने कसूरी के किताब के विमोचन का कार्यक्रम रद्द करने से इनकार करने पर आयोजक थिंक टैंक ओआरएफ के प्रमुख सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर कालिख पोत दी.

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