शिवसेना ने पूछा, क्या बीमार व्यक्तियों के लिए भी उडानों में होगा विलंब

मुंबई : मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की टीम के एक अधिकारी द्वारा एक महत्वपूर्ण यात्रा दस्तावेज लाना भूल जाने की वजह से एयर इंडिया की एक उडान में हुए विलंब को लेकर मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए, महाराष्ट्र में सत्तारुढ गठबंधन की भागीदार शिवसेना ने आज सवाल किया कि क्या यही ‘सामाजिक कार्य’ किसी बीमार व्यक्ति […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 3, 2015 1:59 PM

मुंबई : मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस की टीम के एक अधिकारी द्वारा एक महत्वपूर्ण यात्रा दस्तावेज लाना भूल जाने की वजह से एयर इंडिया की एक उडान में हुए विलंब को लेकर मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए, महाराष्ट्र में सत्तारुढ गठबंधन की भागीदार शिवसेना ने आज सवाल किया कि क्या यही ‘सामाजिक कार्य’ किसी बीमार व्यक्ति के लिए भी किया जाएगा.

शिवसेना ने पार्टी के मुखमत्र ‘सामना’ में लिखे संपादकीय में कहा है ‘‘परदेशी फडणवीस के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे. इसलिए उडान में विलंब किया गया और परदेशी को घर जा कर वीजा लाने की अनुमति दी गई जिसके बाद विमान ने उडान भरी. क्या नियमों का तोडने का यह सामाजिक कार्य इसी तरह एक आम आदमी के लिए भी किया जाएगा जो बीमार हो अथवा निशक्त हो.’’

पार्टी ने आरोप लगाया कि मुख्य सचिव प्रवीण परदेशी अपना वीजा घर पर भूल आए थे. लेकिन फिर भी सीमाशुल्क एवं आव्रजन काउंटरों पर उन्हें क्लियरेंस दे दी गई. पार्टी ने कहा ‘‘ऐसे वीआईपी प्रतिनिधिमंडलों से लोगों की सुरक्षा को बडा खतरा होता है.’’ मीडिया की खबरों के अनुसार, परदेशी को चेक.इन पर नहीं बल्कि विमान में सवार होने से पहले रोका गया क्योंकि उनके पास मौजूद पासपोर्ट में वैध अमेरिकी वीजा नहीं था. प्रतीत होता है कि उनके पुराने पासपोर्ट पर एक वैध अमेरिकी वीजा था लेकिन नए वाले में नहीं था जो उस समय परदेशी के पास था.उन्होंने अपना पुराना पासपोर्ट लाने की व्यवस्था की जिस पर वैध अमेरिकी वीजा स्टैंप था. इसके बाद विमान को उडान भरने की अनुमति दी गई.

पूर्व में फडणवीस ने कहा था ‘‘यह आरोप गलत और गुमराह करने वाला है कि मैंने नेवार्क जाने वाली उडान में विलंब कराया.’’सत्तारुढ गठबंधन की भागीदार पार्टी ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री अपने विदेश दौरे से जो कारोबार और निवेश लाए हैं उसका अनुपात भी बहस का विषय है. शिवसेना ने कहा ‘‘इन दिनों फडणवीस जैसे कई मुख्यमंत्री अपने अपने राज्यों के लिए निवेश जुटाने की खातिर विदेशों में जा रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री निवेश के लिए विदेशों में क्यों जा रहे हैं और वास्तव में कितना निवेश और कारोबार वह ला रहे हैं, यह चर्चा का विषय है.’’ पार्टी ने विदेशी निवेश को एक तरह की ‘घपलेबाजी’ बताते हुए उस निवेश राशि पर सवाल भी उठाया जो मुख्यमंत्री विदेशी दौरों से लाने में सफल हो रहे हैं.

हाल ही में भाजपा के मंत्रियों के विवादों में घिरने को लेकर भी शिवसेना ने उस पर कटाक्ष किया. पार्टी ने कहा ‘‘हमें चर्चगेट में स्थित स्टेडियम में शिवसेना के बिना हुआ भाजपा का भव्य शपथ ग्रहण समारोह याद है. तब भाजपा ने कहा था कि वह शिवसेना के बिना राज्य में शासन कर लेगी.’’ शिवसेना ने कहा ‘‘लेकिन शायद किस्मत में कुछ और ही लिखा था. आज अन्य मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री भी विवादों में घिर गए हैं.’’

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