NGO के नाम के आगे से ”भ्रष्टाचार” शब्द हटाये जाने पर अदालत जा सकते हैं अन्ना हजारे

मुंबई : पुणे स्थित परमार्थ आयुक्त की ओर से अपने गैर सरकारी संगठन ‘भ्रष्टाचार विरोध जन आंदोलन, महाराष्ट्र’ में से मुख्य शब्द ‘भ्रष्टाचार’ हटाये जाने की कवायद पर विरोध जताते हुए गांधीवादी नेता अन्ना हजारे में आज कहा कि इस संबंध में नोटिस मिलने के बाद वह कानून का सहारा लेंगे. हजारे ने कहा, उन्हें […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 25, 2015 9:35 PM

मुंबई : पुणे स्थित परमार्थ आयुक्त की ओर से अपने गैर सरकारी संगठन ‘भ्रष्टाचार विरोध जन आंदोलन, महाराष्ट्र’ में से मुख्य शब्द ‘भ्रष्टाचार’ हटाये जाने की कवायद पर विरोध जताते हुए गांधीवादी नेता अन्ना हजारे में आज कहा कि इस संबंध में नोटिस मिलने के बाद वह कानून का सहारा लेंगे. हजारे ने कहा, उन्हें सूचना मिली है कि नोटिस सिर्फ उनके संगठन को नहीं बल्कि 16 अन्य गैर सरकारी संगठनों को भी जारी किया गया है जिनके नाम में ‘भ्रष्टाचार’ है.

अपने गांव रालेगण सिद्धी में अन्ना ने कहा, ‘सरकार को भ्रष्टाचार से निपटना चाहिए. हमारे संगठन इसलिए सामने आये हैं क्योंकि सरकार ऐसा करने में असफल रही है.’ मराठी और हिन्दी दोनों ही भाषाओं में ‘भ्रष्टाचार’ का समान अर्थ होता है. उन्होंने सवाल किया, ‘हमारा कामकाज पारदर्शी है. संगठन के गठन के समय कोई आपत्ति क्यों नहीं की गयी?’ उन्होंने कहा, ‘हमें नोटिस नहीं मिला है. नोटिस मिलने के बाद, हम कानूनी सहायता लेंगे और जरुरत होने पर अदालत भी जाएंगे.’

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