लोकसभा में भूकंप में मारे गये लोगों को दी गयी श्रद्धांजलि, एक स्वर में सदन ने कहा, हम हैं नेपाल के साथ

नयी दिल्ली : आज लोकसभा में नेपाल और भारत में भूकंप से मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि दी गयी. सुबह सदन के शुरू होते ही स्पीकर सुमित्रा महाजन के आग्रह पर संसद सदस्यों ने मौन रखा. राज्यसभा में भी भूकंप में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि दी गई.लोकसभा में चर्चा के दौरान सपा प्रमुख मुलायम […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 27, 2015 11:32 AM

नयी दिल्ली : आज लोकसभा में नेपाल और भारत में भूकंप से मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि दी गयी. सुबह सदन के शुरू होते ही स्पीकर सुमित्रा महाजन के आग्रह पर संसद सदस्यों ने मौन रखा. राज्यसभा में भी भूकंप में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि दी गई.लोकसभा में चर्चा के दौरान सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से पूरा देश दुखी है. सांसदों को अपनी सैलरी का हिस्सा मदद के लिए देना चाहिए. सदन के सदस्यों ने एक स्वर में नेपाल को हर संभव मदद करने और दुख की इस घडी में उसके साथ मजबूती से खडे रहने का संकल्प दोहराया.

इस संबंध में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैंने भूकंप के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की है. हम पूरी तरह नेपाल की मदद में जुटे हुए हैं. नेपाल की हरसंभव मदद की जायेगी. हमने इस संबंध में दोनों देशों के बीच संबंध स्थापित करने के लिए एक टीम भी भेजा है.

उन्होंने कहा कि नेपाल हमारा पड़ोसी देश है जिसके साथ हमारे सांस्कृतिक संबंध रहे हैं. प्रधानमंत्री ने भूकंप प्रभावित राज्यों के मुख्‍यमंत्रियों से बात की है और हर संभव मदद का भरोसा दिया है. आपको बता दें कि रविवार को नेपाल और भारत को भूकंप के जोरदार झटकों ने फिर दहला दिया.

रविवार की दोपहर 6.9 तीव्रतावाले आये इस भूकंप का केंद्र काठमांडो से 180 किलोमीटर दूर कोडारी में था . ताजा झटकों से बिहार में 48 लोगों की मौत हो गयी. हालांकि राज्य सरकार ने सिर्फ पांच के मरने की पुष्टि की है. उधर शनिवार को आये इस जलजले में अब तक नेपाल में करीब 2500 और भारत में करीब सौ लोग अपनी जिंदगी गंवा चुके हैं. इस बीच नेपाल में फंसे लोगों को निकालने का काम तेजी से जारी है. रविवार की शाम भारतीय वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर विमान ने 285 भारतीयों को लेकर दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लैंड किया.

भारतीय सेना ने नेपाल में बचाव कार्य के लिए ऑपरेशन मैत्री शुरू कर बचाव कार्य तेज कर दिया है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति का जायजा लिया, नेपाल से लोगों को बचाने और सुरक्षित निकालने के प्रयास तेज करने के निर्देश दिये. इधर वैज्ञानिकों का कहना है कि यूरेशियन और इंडियन प्लेटों के टकराने से हिमालय का जो निर्माण हुआ था, वह प्रक्रिया अभी जारी है. इस क्रम में इंडियन प्लेट यूरेशियन प्लेट के नीचे दबता जा रहा है, जिससे हिमालय की ऊंचाई हर साल पांच मिलीमीटर बढ़ रही है व पृथ्वी के अंदर चट्टानों की रगड़ व टूटन से भूकंप आ रहा है.

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