वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हालात जीने लायक नहीं, केंद्र और दिल्ली सरकार गंभीरता से काम करें

नयी दिल्लीः दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तीखी टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली हर साल घुट रही है. सभ्य देशों में ऐसा नहीं होता. प्रदूषण को लेकर राज्य सरकार और दिल्ली सरकार को कुछ करना चाहिए. एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ना ठीक नहीं है. सुनवाई […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 4, 2019 3:14 PM
नयी दिल्लीः दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तीखी टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली हर साल घुट रही है. सभ्य देशों में ऐसा नहीं होता. प्रदूषण को लेकर राज्य सरकार और दिल्ली सरकार को कुछ करना चाहिए. एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ना ठीक नहीं है. सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हर साल घुटती जा रही है, लेकिन हम कुछ नहीं कर पा रहे. ऐसा हर साल 10-15 दिनों के लिए होने लगा है. ऐसा किसी सभ्य देश में नहीं होता. जीने का हक सबसे जरूरी है.
दिल्ली-एनसीआर के गैस चेंबर में तब्दील होने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र समेत राज्य सरकारों को फटकार लगाते हुए कहा कि इन हालातों में आखिर कैसे जिया जा सकता है. सोमवार को शीर्ष अदालत ने केंद्र और दिल्ली सरकार से पूछा कि आखिर आप हवा को बेहतर करने के लिए क्या कर रहे हैं. इसके अलावा कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकार से भी पूछा कि आप पराली जलाने में कमी लाने के लिए क्या कर रहे हैं.
कोर्ट ने कहा, इस तरीके से नहीं जिया जा सकता. केंद्र सरकार, राज्य सरकार को कुछ करना चाहिए. इस तरह से नहीं चल सकता. यह बहुत ज्यादा है. शहर में कोई कमरा, कोई घर सुरक्षित नहीं है. हम इस पलूशन के चलते जिंदगी के कीमती साल गंवा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधे घंटे में कोई विशेषज्ञ कोर्ट आ सकते हैं? जिनसे हम सुझाव मांग सकें. हम कृत्रिम बारिश आदि के बारे में जानकारी मांगेंगे. लोग रोजाना मर रहे हैं, मरते रहेंगे, किसी सभ्य देश में ऐसा नहीं होता.
कोर्ट ने कहा कि इसके लिए राज्य सरकारें जिम्मेदार हैं. लोगों को इस तरह मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता. यह हैरान कर देने वाला है. आप लोगों ने सब चीजों का मजाक बना दिया. पराली जलाना रोकना होगा. राज्य सरकारों को चुनाव में ज्यादा दिलचस्पी है. हम इसे सहन नहीं करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने मंत्रालय से भी एक अफसर को बुलाने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पराली जलाने पर तुरंत रोक लगनी चाहिए जिसके लिए राज्य सरकारों को कदम उठाने होंगे. प्रशासन को सख्त कदम उठाने होगें और अधिकारियों के साथ साथ ग्राम प्रधान तक की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए.
बता दें, दिल्ली में सोमवार सुबह साढ़े सात बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 439 था जो “गंभीर” श्रेणी में आता है. एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर’ माना जाता है.

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