मुख्यमंत्री हरीश रावत के सितारे फिर बुलंदी पर

देहरादून : इन दिनों उत्तराखंड के मुख्‍यमंत्री हरीश रावत के सितारे फिर से बुलंदियों पर हैं. उत्तराखंड में हाल में हुए उपचुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल हुई है. भाजपा की तीनों विधानसभा सीटों में करारी हार हुई. लोकसभा चुनावों में भाजपा से बुरी तरह मात खाने वाली कांग्रेस के पिछले सप्ताह हुए उपचुनाव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2014 1:32 PM

देहरादून : इन दिनों उत्तराखंड के मुख्‍यमंत्री हरीश रावत के सितारे फिर से बुलंदियों पर हैं. उत्तराखंड में हाल में हुए उपचुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल हुई है. भाजपा की तीनों विधानसभा सीटों में करारी हार हुई. लोकसभा चुनावों में भाजपा से बुरी तरह मात खाने वाली कांग्रेस के पिछले सप्ताह हुए उपचुनाव में तीनों सीटें धारचूला, सोमेश्वर और डोइवाला जीतने के बाद मुख्यमंत्री रावत की लोकप्रियता और भी बढ़ी है.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर महाराष्‍ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण तक हर कोई उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रदर्शन का बखान कर रहा है जिससे रावत को एक नयी उर्जा मिली है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री रावत ने स्वयं भी धारचूला विधानसभा उपचुनाव लड़ा और वहां से 20000 (बीस हजार) से भी ज्यादा मतों के अंतर से विजय हासिल की.

यहां राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि उत्तराखंड में कांग्रेस को वैसे भी ऐसे समय पर जीत की संजीवनी मिली है जब पार्टी राष्ट्रीय स्तर के अलावा विभिन्न प्रदेशों में भी खराब दौर से गुजर रही है. महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में विधानसभा चुनाव निकट हैं और उत्तराखड में मिली जीत को कांग्रेस ने एक अहम मुददा बना लिया है और भाजपा पर जोरदार प्रहार करते हुए कहा है कि केवल दो महीने के अंतराल में जनता का मोदी मोह भंग हो गया है.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी बिना कोई समय गंवाये रावत की पीठ थपथपायी और कहा कि इस जीत ने सिद्घ कर दिया है कि अब भी लोग कांग्रेस की तरफ आशा से देख रहे हैं. दूसरी तरफ, चव्हाण ने भी कांग्रेस को उत्तराखंड में मिली जीत की सराहना करते हुए कहा कि महाराष्ट में भी पार्टी इसी प्रकार का प्रदर्शन दोहरायेगी.

गत 16 मई को घोषित हुए लोकसभा चुनावों के परिणामों में कांग्रेस के भाजपा के हाथों पांचों सीटें गंवाने से प्रभावित हुई रावत की छवि को भी इस जीत ने काफी राहत दी मिली है. लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस में चल रही अन्तर्कलह का दौर फिर उभर आया था जिसमें कभी रावत के साथ खडे दिखायी देने वाले उनके ही मंत्रिमंडल के कैबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह और हरक सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की अगुवाई वाले विरोधी गुट का दामन थाम लिया.

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