अटल युग से ही भाजपा के संकटमोचक रहे जेटली

विपक्षी नेताओं के भी थे दोस्त, ममता, नवीन, शरद पवार मांगते रहते थे राय, नीतीश करते थे जेटली के यहां डिनर दिल्‍ली : पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया. पार्टी में चाहे अटल-आडवाणी युग हो या मोदी-शाह युग, जेटली सबके संकटमोचक बने रहे. जेटली का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 25, 2019 1:53 AM
  • विपक्षी नेताओं के भी थे दोस्त, ममता, नवीन, शरद पवार मांगते रहते थे राय, नीतीश करते थे जेटली के यहां डिनर
दिल्‍ली : पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया. पार्टी में चाहे अटल-आडवाणी युग हो या मोदी-शाह युग, जेटली सबके संकटमोचक बने रहे. जेटली का जाना दिल्ली की पावर कॉरिडोर की पॉलिटिक्स में रचे बसे ऐसे राजनेता का जाना है, जो भाजपा की राजनीति के साथ दिल्ली की ब्यूरोक्रेसी, दिल्ली की पावरफुल मीडिया और कोर्ट के दांवपेंच का महारथी था.
यही वजह थी कि 1977 से लेकर 2019 तक जेटली भाजपा की राजनीति में हमेशा केंद्र बिंदू में रहे. जेटली के राजनीतिक जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ उस वक्त आया, जब प्रमोद महाजन के जाने के बाद 2009 में आडवाणी ने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए जेटली का चुनाव किया.
जेटली जब कोयला घोटाले पर चिदंबरम के तर्कों की धज्जियां उड़ा रहे थे. वह संसद का कोर्ट रूम फिल्म देखने की तरह था. खुद जेटली कहते थे कि संसद में तर्कों के साथ सामने वाले को धूल चटाना व दोस्तों के साथ गप्पें मारना उनका प्रिय शगल है. जेटली भाजपा के अकेले ऑलराउंडर थे.
हर समस्या का समाधान जेटली के पास था. जेटली की इन खूबियों की वजह से ही उनका दोस्त हर पार्टी में था. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली आने पर एक समय का खाना जेटली के घर पर ही खाते थे. लालू के साथ सरकार चलाने के बाद भी उनकी दोस्ती में दरार नहीं आयी.
ममता हो या प्रकाश सिंह बादल, शरद पवार हों या नवीन पटनायक सब जेटली से राय मांगते रहते थे. 2014 में जब मोदी की सरकार बनी, तो जेटली को वित्त और रक्षा मंत्री समेत कॉरपोरेट मामलों का दायित्व दिया गया. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अपने गिरते स्वास्थ्य के कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने खुद को राजनीति से अलग कर लिया.
2019 में मोदी सरकार 2.0 में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने खुद को राजनीति से अलग कर लिया
एक प्रखर वकील, अनुभवी सांसद और उत्कृष्ट मंत्री के रूप में उन्होंने राष्ट्र निर्माण में अमूल्य योगदान दिया. उनके परिवार के प्रति मेरी गहन शोक संवेदनाएं.
राम नाथ कोविंद, राष्ट्रपति
जेटली जी के निधन से मैंने न सिर्फ संगठन का एक वरिष्ठ नेता खोया है बल्कि परिवार का एक ऐसा अभिन्न सदस्य भी खोया है जिनका साथ और मार्गदर्शन मुझे वर्षों तक प्राप्त होता रहा.
अमित शाह, गृह मंत्री
जेटली जी को अर्थव्यवस्था को निराशा के दौर से बाहर निकालने और वापस पटरी पर लाने के लिए हमेशा याद किया जायेगा. भाजपा में अरुण जी की कमी हमेशा खलेगी.
राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री
अरुण जेटली जी ने एक सार्वजनिक व्यक्तित्व, सांसद और मंत्री के रूप में लंबे समय तक सेवाएं दीं. सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को याद किया जायेगा.
सोनिया गांधी, अध्यक्ष, कांग्रेस
मुझे अरुण जेटली जी के असामयिक निधन के बारे में जान कर गहरा दुख हुआ. वह बहुमुखी व्यक्तित्व और सच्ची निष्ठा वाले व्यक्ति थे जिन्होंने लोगों के दिल को छूआ.
हरिवंश, उप सभापति, राज्यसभा
एक साल में गुजर गये भाजपा के पांच बड़े नेता
अटल बिहारी वाजपेयी
16 अगस्त, 2018
अनंत कुमार
12 नवंबर, 2018
मनोहर पर्रिकर
17 मार्च, 2019
सुषमा स्वराज
06 अगस्त, 2019
अरुण जेटली
24 अगस्त, 2019

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