कर्नाटक संकटः ”सुप्रीम” फैसले के बाद बागी विधायकों पर लागू नहीं होगा व्हिप,कुमारस्वामी सरकार का फ्लोर टेस्ट आज

नयी दिल्ली :कर्नाटक में पिछले दो सप्ताह से चल रहे सियासी घमासान का अंत हो सकता है.सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक मामले में बुधवार को आदेश दिया कि कांग्रेस-जद(एस) के 15 बागी विधायकों को विधानसभा सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता़ इन विधायकों को सत्र में […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 18, 2019 7:04 AM
नयी दिल्ली :कर्नाटक में पिछले दो सप्ताह से चल रहे सियासी घमासान का अंत हो सकता है.सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक मामले में बुधवार को आदेश दिया कि कांग्रेस-जद(एस) के 15 बागी विधायकों को विधानसभा सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता़
इन विधायकों को सत्र में शामिल होने या अलग रहने का विकल्प मिलना चाहिए. विधायकों की ओर से पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि अदालत के फैसले के ये मायने हैं कि अब बागियों पर व्हिप लागू नहीं होगा. कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य का सियासी पार फिर चढ़ गया है़ दरअसल, एचडी कुमारस्वामी की नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार गुरुवार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करेगी़ कोर्ट के इस फैसले के बाद सरकार का गिरना तय माना जा रहा है.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरूद्ध बोस की पीठ ने कहा कि कोर्ट विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) के विशेषाधिकार पर कोई बंदिश नहीं लगायेगा़ विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार इन 15 विधायकों के इस्तीफों पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं.
कांग्रेस-जदएस सरकार का भविष्य अधर में

बेंगलुरु : कर्नाटक में 18 जुलाई को विधानसभा में विश्वासमत में कांग्रेस-जदएस सरकार का भविष्य अधर में लटकता दिख रहा है. उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद सत्ताधारी दल के बागी विधायकों ने फ्लोर टेस्ट में हिस्सा न लेने का ऐलान किया है. न्यायालय ने बुधवार को फैसला सुनाया कि कांग्रेस-जदएस के बागी 15 विधायकों को जारी विधानसभा सत्र की कार्यवाही में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.अदालती आदेश के बाद मुंबई में बागी कांग्रेस-जदएस विधायकों ने कहा कि उनके इस्तीफे या सत्र में हिस्सा लेने को लेकर उनके पीछे हटने का सवाल ही नहीं उठता.

कर्नाटक के विधानसभाध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने बागी विधायकों के इस्तीफों पर निर्णय की उन्हें स्वतंत्रता देने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया. कहा कि वह संविधान के सिद्धांतों के अनुरूप जिम्मेदार तरीके से कार्य करेंगे. विधानसभाध्यक्ष ने हालांकि उस समयसीमा के बारे में कोई संकेत नहीं दिया जिसमें वह इस्तीफों पर फैसला करेंगे.

कांग्रेस नेता एवं मंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि पार्टी सदन में पार्टी के सभी विधायकों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए व्हिप जारी कर सकती है और कोई भी उल्लंघन होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है. उन्होंने भाजपा के कुछ नेताओं पर इस बारे में गुमराह करने का आरोप लगाया कि व्हिप वैध नहीं है.

कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा फैसले से खुश हैं. उन्होंने कहा कि यह बागी विधायकों के लिए एक नैतिक जीत है. उन्होंने कहा, मैं उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करता हूं. यह संविधान और लोकतंत्र की एक जीत है. यह बागी विधायकों की नैतिक जीत है. वहीं कांग्रेस ने उच्चतम न्यायालय के ओदश को एक खराब फैसला बताते हुए कहा कि यह दलबदलू विधायकों को संरक्षण प्रदान करने वाला और खरीद फरोख्त को बढ़ावा देने वाला प्रतीत होता है.

Next Article

Exit mobile version