नयी दिल्ली लोस सीटें : चुनाव में सीलिंग और स्थानीयता के मुद्दे ही होंगे निर्णायक

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में प्रभावशाली लोगों की रिहाइश और व्यस्त व्यापारिक गतिविधियों के प्रमुख केंद्र नयी दिल्ली लोकसभा सीट पर व्यापारी वर्ग में नाराजगी व्याप्त है और इसका मुख्य कारण सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चला सीलिंग अभियान है. लोकसभा चुनाव में इस सीट पर यह मुद्दा चर्चा का प्रमुख विषय है. इसके […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 7, 2019 6:14 AM
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में प्रभावशाली लोगों की रिहाइश और व्यस्त व्यापारिक गतिविधियों के प्रमुख केंद्र नयी दिल्ली लोकसभा सीट पर व्यापारी वर्ग में नाराजगी व्याप्त है और इसका मुख्य कारण सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चला सीलिंग अभियान है. लोकसभा चुनाव में इस सीट पर यह मुद्दा चर्चा का प्रमुख विषय है. इसके अलावा सातवें वेतन आयोग के प्रावधान, पानी, स्वच्छता और प्रदूषण जैसे मुद्दे भी 12 मई को होने वाले चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं.
सीलिंग अभियान सबसे पहले 2006 में शुरू हुआ और इसका आखिरी चरण दिसंबर 2017 में चालू हुआ. कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआइटी) समेत व्यापार संगठन इस मुद्दे को लेकर काफी मुखर हैं और वे शहर में सीलिंग को रोकने के लिए एक अध्यादेश लाने की मांग कर रहे हैं. सीएआइटी के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि सीलिंग अभियान से लाखों व्यापारियों पर बुरा असर पड़ा. पेपर मर्चेंट्स एसोसिएशन, दिल्ली के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सीलिंग अभियान ने वाकई व्यापारियों की कमर तोड़ दी और वहां इसे लेकर नाराजगी है क्योंकि यह आजीविका का मुद्दा है.
सीलिंग कार्रवाई के केंद्र में भाजपा के शासन वाले नगर निगम के होने के कारण उसके लिए यहां की राह कठिन हो सकती है. भाजपा सबसे ज्यादा बार इस सीट पर विजयी रही है. भाजपा की मौजूदा सांसद मीनाक्षी लेखी आश्वस्त है कि उनका ‘शानदार’ रिपोर्ट कार्ड लोकसभा में उनकी वापसी करायेगा.

Next Article

Exit mobile version