CBI के मुद्दे पर देशव्यापी आंदोलन की तैयारी, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू ने कही यह बात

हैदराबाद : पश्चिम बंगाल से उठी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के विरोध की आग बहुत जल्द देश भर में फैलने वाली है. इस मुद्दे पर विरोधी दलों के नेता सोमवार को नयी दिल्ली में एक बैठक करेंगे और उसके बाद इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत करेंगे. आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 4, 2019 10:13 AM

हैदराबाद : पश्चिम बंगाल से उठी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) के विरोध की आग बहुत जल्द देश भर में फैलने वाली है. इस मुद्दे पर विरोधी दलों के नेता सोमवार को नयी दिल्ली में एक बैठक करेंगे और उसके बाद इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की शुरुआत करेंगे.

आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने यह संकेत दिये हैं. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में सीबीआइ की कार्रवाई के मुद्दे पर वह विरोधी दलों के नेताओं के साथ दिल्ली आज एक बैठक करेंगे.

ANI के अनुसार, विपक्षी दलों की बैठक में पश्चिम बंगाल में सीबीआइ की कार्रवाई के विरोध में एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जायेगी. श्री नायडू ने कहा कि उनकी पार्टी तेदेपा के सांसद विरोधी दलों के नेताओं के साथ इस मामले का पुरजोर विरोध करेंगे.

उधर, नायडू ने कई ट्वीट करके पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ‘सत्याग्रह’ का समर्थन किया. श्री नायडू ने कहा कि संविधान की रक्षा के लिए जब से विपक्षी पार्टियां एकजुट हुई हैं और मिलकर सरकार से लड़ रही हैं, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार हताश हो गयी है. इसलिए उसने विरोधी दलों के खिलाफ सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. केंद्रीय संस्थानों के माध्यम से राज्यों को प्रताड़ित करने का मामला खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है.

नायडू ने कहा, ‘यह सन्न कर देने वाला है. हम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ हैं. संविधान और देश के संघीय ढांचे की रक्षा के लिए वह जो कुछ भी कर रही हैं, हम उसका समर्थन करते हैं.’ श्री नायडू ने कहा कि कोलकाता में जो भी घटनाएं हुई हैं, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं. मोदी और शाह मिलकर किस तरह से संस्थानों को बर्बाद करने पर तुले हैं, यह उसका ज्वलंत उदाहरण है.

आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि आम चुनावों से ठीक पहले विभिन्न राज्यों में अपनी विरोधी पार्टियों पर सत्ताधारी दल द्वारा हमले का देश पर विपरीत असर पड़ेगा.

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