एडीटर्स गिल्ड ने अकबर से अवमानना का मामला वापस लेने को कहा

नयी दिल्ली : संपादकों की सर्वोच्च संस्था ‘एडीटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने गुरुवारको एमजे अकबर से कहा कि वह पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक अवमानना के मामले को वापस ले लें. यह संगठन उन महिला पत्रकारों के समर्थन में आगे आया है जिन्होंने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं. गिल्ड ने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 18, 2018 6:21 PM

नयी दिल्ली : संपादकों की सर्वोच्च संस्था ‘एडीटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने गुरुवारको एमजे अकबर से कहा कि वह पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर आपराधिक अवमानना के मामले को वापस ले लें. यह संगठन उन महिला पत्रकारों के समर्थन में आगे आया है जिन्होंने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं.

गिल्ड ने अकबर के खिलाफ आरोप लगानेवाली उन महिला पत्रकारों को विधिक सहायता देने की बात भी कही है, जिनके मामलों को अगर अकबर वापस नहीं लेते अथवा अन्य महिलाओं के खिलाफ भी मामला दायर करते हैं. महिलाओं के प्रति गिल्ड का समर्थन अकबर के विदेश राज्य मंत्री के पद से त्यागपत्र देने के एक दिन बाद आया है. उन पर कई महिला पत्रकारों के यौन उत्पीड़न के आरोप लगने के बाद दबाव बढ़ रहा था. गिल्ड के यहां जारी बयान में कहा गया है कि वह कई महिला पत्रकारों द्वारा दिखाये गये साहस को सलाम करता है, जिसकी वजह से ऐसी घटनाएं प्रकाश में आ सकीं जिनमें उनका यौन उत्पीड़न हुआ था.

इसमें कहा गया है, मंत्रिपरिषद से एमजे अकबर का त्यागपत्र इन महिला पत्रकारों के समाचार कार्यस्थल पर लिंग समानता के उच्च मूल्यों को बनाये रखने के साहस का परिणाम है. गिल्ड ने कहा, उसे आशा है कि अकबर इनमें से कुछ शिकायतकर्ताओं के खिलाफ आपरधिक अवमानना के मामले को वापस लेकर शिष्टता का परिचय देंगे. हालांकि, अकबर को पूरा अधिकार है कि वह किसी नागरिक को उपलब्ध विधिक उपायों का प्रयोग करें. लेकिन, एक वरिष्ठ संपादक के लिए यह ठीक नहीं होगा कि वह आपराधिक अवमानना के औजारों का प्रयोग करे, विशेषकर अकबर के लिए, जो कभी गिल्ड के अध्यक्ष रह चुके हैं. किंतु यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, या फिर ऐसे मामले अन्य महिलाओं के प्रति भी दायर करते हैं, तब गिल्ड उन्हें सहायता प्रदान कर सकता है. अगर उनमें से किसी को विधिक सलाह या सहायता की आवश्यकता होती है, तो ऐसे में गिल्ड अपनी तरफ से उनकी सहायता करने का पूरा प्रयास करेगा और वरिष्ठ वकीलों से उनका प्रतिनिधित्व सार्वजनिक हित में करने की अपील करेगा.

गिल्ड का बयान उस दिन आया है जब दिल्ली की एक अदालत ने रमानी के खिलाफ अकबर की आपराधिक अवमानना याचिका पर सुनवाई प्रारंभ की है. रमानी ने 20 साल पुराने मामले में उन पर यौन दुराचार का आरोप लगाया है. अकबर ने सोमवार को रमानी के खिलाफ दायर याचिका में कहा कि वह जानबूझकर और दुर्भावना से उनके खिलाफ ऐसे आरोप लगा रही हैं जिनका मकसद उनके राजनीतिक कद और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना है. दो दिन पहले दायर अवमानना मामले में रमानी व अन्य के समर्थन में अन्य महिलाएं व कुछ पुरुष भी आगे आये हैं. मंगलवार रात को अकबर के एशियन एज समाचार पत्र में बतौर संपादक काम करने के दौरान उनके साथ काम कर चुकी 20 पत्रकारों ने उनके खिलाफ एक संयुक्त बयान भी जारी किया है.

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