राफेल मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सरकार बताए, कैसे की डील

नयी दिल्ली : भारत और फ्रांस के बीच फाइटर प्लेन राफेल को लेकर हुई डील के खुलासे की मांग को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले को लेकर कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह राफेल सौदे पर फैसले की प्रक्रिया का ब्योरा सीलबंद लिफाफे में उसे सौंपे. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 10, 2018 12:24 PM

नयी दिल्ली : भारत और फ्रांस के बीच फाइटर प्लेन राफेल को लेकर हुई डील के खुलासे की मांग को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. मामले को लेकर कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह राफेल सौदे पर फैसले की प्रक्रिया का ब्योरा सीलबंद लिफाफे में उसे सौंपे.

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस. के. कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की पीठ ने यह स्पष्ट किया कि फ्रांस के साथ हुए इस सौदे के संबंध में उसे कीमत और सौदे के तकनीकी विवरणों से जुड़ी सूचनाएं नहीं चाहिए. पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि वह याचिकाओं में लगाए गये आरोपों को ध्यान में नहीं रख रहा है.

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कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह सीलबंद लिफाफे में से 29 अक्टूबर तक सूचनाएं सौंपे. वह बताए कि उसने राफेल डील को कैसे अंजाम दिया है. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 31 अक्टूबर की तारीख तय की है. सुनवाई के दौरान केंद्र ने राफेल पर दाखिल जनहित याचिकाओं का विरोध किया और यह कहते हुए उन्हें खारिज करने का अनुरोध किया कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए ये दाखिल की गयी हैं.

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अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट से कहा कि राफेल सौदा राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और ऐसे मुद्दों की न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती है. वहीं कांग्रेस नेता और आरटीआई कार्यकर्ता तहसीन पूनावाला ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे के संबंध में दायर अपनी जनहित याचिका वापस ले ली है। पीठ राफेल सौदे को लेकर दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. इन याचिकाओं में केंद्र को ये निर्देश देने की मांग की गई है कि वह राफेल सौदे के ब्योरे और यूपीए और एनडीए सरकार के कार्यकाल के दौरान सौदे की तुलनात्मक कीमतों का विवरण सीलबंद लिफाफे में शीर्ष अदालत को सौंपे.

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