शाह महमूद कुरैशी के सामने करतारपुर साहब कॉरिडोर का मुद्दा उठायेंगी सुषमा स्वराज

नयी दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अगले सप्ताह न्यूयार्क में आयोजित होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) बैठक से इतर अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के समक्ष करतारपुर साहब कॉरिडोर के मुद्दे को उठायेंगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि देश […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 20, 2018 10:56 PM

नयी दिल्ली : विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अगले सप्ताह न्यूयार्क में आयोजित होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) बैठक से इतर अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के समक्ष करतारपुर साहब कॉरिडोर के मुद्दे को उठायेंगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि देश में सभी राजनीतिक दलों ने इस मुद्दे को उठाया है. हाल ही में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने भी विदेश मंत्री को चिठ्ठी लिखी थी. इसका जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा था कि वह इस विषय को पाकिस्तानी सरकार के समक्ष उठायेंगी. इस विषय को नवजोत सिंह सिद्धू ने भी उठाया था.

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उन्होंने कहा कि अभी तक हमारे पास से ऐसा कोई आधिकारिक संवाद नहीं है कि पाकिस्तान की सरकार इस विषय पर विचार करने को इच्छुक है और इसलिए विदेश मंत्री यूएनजीए बैठक से इतर अपने पाकिस्तानी समकक्ष के समक्ष इस मुद्दे (करतारपुर साहब कॉरिडोर) को उठायेंगी. कुमार ने कहा कि करतारपुर साहब तक जाने को लेकर कई खबरें सामने आ रही हैं और इस विषय को अतीत में पाकिस्तानी पक्ष के समक्ष कई बार उठाया गया.

विदेश मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच धार्मिक स्थलों की यात्रा के संबंध में 1974 में एक प्रोटोकॉल हुआ था. इस प्रोटोकॉल में करतारपुर साहिब शामिल नहीं है. 1999 में लाहौर की यात्रा के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस मुद्दे को उठाया था और इस धार्मिक स्थल की वीजा मुक्त यात्रा पर विचार करने का अनुरोध किया था, जो सिखों की धार्मिक आस्थाओं से जुड़ा हुआ है.

मंत्रालय ने बताया कि इसके बाद पंजाब के तब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के अनुरोध पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक सितंबर, 2004 को प्रकाशोत्सव की 400वीं वर्षगांठ के अवसर पर अमृतसर में करतारपुर साहब के संबंध में सुविधा की घोषणा की थी. इसके बाद 4 सितंबर, 2004 को विदेश सचिव स्तर की वार्ता के दौरान करतापुर साहब को प्रोटोकल के तहत सूची में शामिल करने के लिए पाकिस्तानी पक्ष से अनुरोध किया गया था.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तानी पक्ष ने इस पर सहमति नहीं जतायी. साल 2005 में पाकिस्तान ने तीन धार्मिक स्थलों की यात्रा वीजा के साथ करने की अनुमति दी थी, लेकिन इसमें करतारपुर साहब शामिल नहीं है. उन्होंने बताया कि 2008 में भी तब के विदेश मंत्री ने करतारपुर साहब के मुद्दे को अपने पाकिस्तानी समकक्ष के समक्ष उठाया था, लेकिन इसके बाद से पाकिस्तानी पक्ष की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं है.

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