सेना प्रमुख के ”राजनीतिक पार्टी” वाले बयान पर बवाल, ओवैसी ने दे डाली ये सलाह

नयी दिल्‍ली : सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भारत के लिए चीन और पाकिस्‍तान के खतरनाब मंसूबों पर चिंता जाहिर की है. उन्‍होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, भारत की मजबूती को हिलाने के लिए चीन और पाकिस्‍तान परोक्ष युद्ध का सहारा ले रहा है. कार्यक्रम में सेना प्रमुख ने एक ऐसा बयान दे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 22, 2018 3:15 PM

नयी दिल्‍ली : सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भारत के लिए चीन और पाकिस्‍तान के खतरनाब मंसूबों पर चिंता जाहिर की है. उन्‍होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, भारत की मजबूती को हिलाने के लिए चीन और पाकिस्‍तान परोक्ष युद्ध का सहारा ले रहा है.

कार्यक्रम में सेना प्रमुख ने एक ऐसा बयान दे दिया है कि अब उसपर बवाल शुरू हो गया है. बिपिन रावत ने एक राजनीतिक पार्टी का जिक्र किया जिसपर हंगामा आरंभ हो गया है.

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इधर रावत के बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेदादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आपत्ति दर्ज की है. उन्होंने कहा है कि सेना प्रमुख को राजनीतिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए. उनका काम किसी राजनीतिक पार्टी पर कमेंट करना नहीं है.सेना हमेशा एक निर्वाचित सरकार के नेतृत्व के तहत काम करती है.


* क्‍या कहा था रावत ने

रावत ने कहा था कि पूर्वोत्तर को अशांत रखने के लक्ष्य के साथ पाकिस्तान द्वारा चीन के सहयोग से चलायी जा रहे परोक्ष युद्ध के तहत वहां ‘योजनाबद्ध’ तरीके से बांग्लादेश से लोगों को भेजा रहा है.

असम के कई जिलों में मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि की खबरों का हवाला देते हुए सेना प्रमुख ने बदरुद्दीन अजमल की एआईयूडीएफ की भी चर्चा की और कहा कि राज्य में उसका उभार 1980 के दशक से भाजपा के विकास से अधिक तेज रहा. जनरल रावत ने पूर्वोत्तर में बांग्लादेशों के प्रवासन का जिक्र करते हुए कहा, ‘हमारे पश्चिमी पड़ोसी के चलते योजनाबद्ध तरीके से प्रवासन चल रहा है. वे हमेशा कोशिश और यह सुनिश्चित करेंगे कि परोक्ष युद्ध के जरिए इस क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया जाए.’ वह पूर्वोत्तर क्षेत्र में सीमाओं को सुरक्षित बनाने के विषय पर एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.

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उन्होंने कहा, ‘मैं समझता हूं कि हमारा पश्चिमी पड़ोसी इस क्षेत्र को समस्याग्रस्त बनाए रखने के लिए हमारे उत्तरी पड़ोसी (चीन) की मदद से बहुत अच्छी तरह परोक्ष युद्ध खेलता है. हमें कुछ और प्रवासन नजर आयेंगे. हल समस्या की पहचान और समग्र दृष्टि से उसपर गौर करने में निहित है.’

सेना प्रमुख ने 1984 में भाजपा के महज दो सीटें जीतने का जिक्र करते हुए कहा, ‘एआईयूडीएफ नामक एक पार्टी है. यदि आप उस पर नजर डालें तो आप पायेंगे कि भाजपा को उभरने में सालों लग गये जबकि वह बिल्कुल कम समय में उभरी.’ उन्होंने कहा, ‘एआईयूडीएफ असम में तेजी से बढ़ रही है.’ यह दल मुस्लिमों के पैरोकार के रुप में 2005 में बना था और फिलहाल लोकसभा में उसके तीन सांसद और असम विधानसभा में 13 विधायक हैं.

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