केरल लव जेहाद : सुप्रीम कोर्ट में बयान देने पहुंची हादिया, जानें हिंदू से मुसलमान बनने तक की पूरी कहानी

नयी दिल्ली : केरल लव जेहाद केस में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. शफीन जहां के वकील के हैसियत से कपिल सिब्बल ने कोर्ट के सामने कहा कि जब हादिया यहां है तो कोर्ट को उसकी सुननी चाहिए ना कि एनआईए की. उन्होंने कहा कि हम हादिया की चाहत को सुनने और जानने की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 27, 2017 4:40 PM


नयी दिल्ली :
केरल लव जेहाद केस में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. शफीन जहां के वकील के हैसियत से कपिल सिब्बल ने कोर्ट के सामने कहा कि जब हादिया यहां है तो कोर्ट को उसकी सुननी चाहिए ना कि एनआईए की. उन्होंने कहा कि हम हादिया की चाहत को सुनने और जानने की बजाय टीवी चैनलों पर उगले जा रहे जहर पर ध्यान दे रहे हैं. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हादिया आज सुप्रीम कोर्ट में पेश हुई है और कोर्ट को अपनी इच्छा बतायेगी. वहीं हादिया के पिता के वकील ने अपनी दलील देते हुए कहा कि एनआईए द्वारा प्रस्तुत सामग्री की पहले जांच कर ली जाये, फिर आगे की कार्रवाई हो.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट में उपस्थित होने से पहले 25 नवंबर को हादिया ने मीडिया के सामने यह कहकर सबको चौंका दिया था कि वह मुसलमान है और अपने पति के साथ रहना चाहती है. उसने कहा था कि किसी ने भी उसका जबरन धर्म परिवर्तन नहीं कराया है.
हालांकि हादिया के पिता के वकील का कहना है कि उसका यह बयान कोई मायने नहीं रखता. उसकी दिमागी बहुत अच्छी नहीं है और वह अपने माता-पिता के साथ बहुत बुरा बर्ताव कर रही है. वह उन्हें अपना दुश्मन समझ रही है.
गौरतलब है कि केरल लव जेहाद का मामला तब प्रकाश में आया जब अखिला अशोकन उर्फ हादिया के पिता ने कोर्ट के सामने यह गुहार लगायी कि उसकी बेटी का जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया है और उससे शादी की गयी है. हादिया के पिता एम अशोकन की याचिका पर केरल उच्च न्यायालय इस वर्ष 25 मई को इस विवाह को अवैध करार दिया, जिसके बाद से हादिया अपने पिता के घर पर जबरदस्ती रखी गयी है. अखिला अशोकन और शफीन जहां की शादी दिसंबर 2016 में हुई थी. अखिला के पिता का कहना है कि यह लव जेहाद का मामला है और उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर बहुत ही मनोवैज्ञानिक तरीके से मुसलमान बनाया गया है.
केरल उच्च न्यायालय के फैसले के बाद शफीन जहां ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली और अपनी शादी बचाने की मांग की. सुप्रीम कोर्ट ने इस उसकी याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि वह इस सवाल पर विचार करेगा कि क्या उच्च न्यायालय रिट अधिकार के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल करके एक मुस्लिम युवक की उस हिंदू महिला से शादी को अमान्य घोषित कर सकता है, जिसने निकाह करने से पहले इस्लाम धर्म कबूल कर लिया था. शफीन ने कोर्ट से यह गुजारिश भी की है कि वह इस मामले में एनआईए जांच के आदेश को भी वापस लेने की मांग की है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में एनआईए से कहा था कि वह इस मामले में लव जेहाद का एंगल जांचकर सामने लाये और अपना रिपोर्ट पेश करे. वहीं केरल सरकार ने 7 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में कहा था, "हिंदू महिला के मुस्लिम धर्म स्वीकार करने और मुस्लिम युवक से विवाह के मामले में NIA जांच की जरूरत नहीं है. इस मामले में पुलिस ने पूरी जांच की है और इसमें ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है, जिससे ये मामला NIA को सौंपा जाए."
दरअसल हादिया के पिता का आरोप है कि शफीन जहां का आईएस से संपर्क है और वह हादिया को भी इसमें शामिल करवाना चाहता है. उनकी यह मांग भी थी कि हादिया के केस की सुनवाई बंद कमरे में त्वरित हो. लेकिन कोर्ट ने हादिया को कोर्ट में पेश करने की आदेश दिया, जिसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हो रही है.

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