रक्षा मंत्री सीतारमण ने सियाचिन में सैनिकों के साथ दशहरा मनाया, बोलीं – सरकार हमेशा आपके साथ

लेह (जम्मू-कश्मीर) : रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सियाचिन और लद्दाख के अग्रिम स्थानों पर सैनिकों के साथ दशहरा का त्योहार मनाया. उन्होंने सैनिकों को इस बात से अवगत कराया कि सरकार हर परिस्थिति में उनका समर्थन करती है. अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और लेह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 30, 2017 9:04 PM

लेह (जम्मू-कश्मीर) : रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सियाचिन और लद्दाख के अग्रिम स्थानों पर सैनिकों के साथ दशहरा का त्योहार मनाया. उन्होंने सैनिकों को इस बात से अवगत कराया कि सरकार हर परिस्थिति में उनका समर्थन करती है. अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और लेह को कराकोरम से जोड़ने वाले एक पुल का उद्घाटन किया. यह पुल सामरिकरूप से महत्वपूर्ण दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी परिक्षेत्र में सैन्य परिवहन के लिए कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगा.

जवानों की सराहना करते हुए सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार हर परिस्थिति में देश की सुरक्षा करने वाले सैनिकों के साथ हैं. सैनिकों को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, मैं आपका आश्वस्त करती हूं कि सरकार सभी वक्त और परिस्थितियों में आपके साथ है. हम आपकी जरूरतों और मांगों के साथ-साथ आपके परिवार के प्रति भी संवेदनशील हैं. उन्होंने 2014 में सियाचिन में प्रधानमंत्री की दिवाली का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार उन स्थितियों को जानना चाहती थी जिनमें जवान रहते हैं.

रक्षा मंत्री ने कहा, अलग-अलग तरह के मौसम वाले राज्यों से जवान यहां आते हैं और इतनी ऊंची और दुर्गम जगहों पर राष्ट्र की सेवा करते हैं. यह सराहनीय है. जम्मू-कश्मीर की दो दिन की यात्रा पर आयीं रक्षा मंत्री ने कहा, हम जवानों के साथ वक्त बिताने के लिए कटिबद्ध हैं और उनके लिए जो भी संभव होगा करेंगे. वह सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी अंबु और जीओसी 14 कोर के लेफ्टिनेंट जनरल एस के उपाध्याय के साथ यात्रा पर हैं. रक्षा मंत्री ने प्रथम-श्योक पुल का उद्घाटन किया. श्योक गांग नदी पर किया गया यह प्रथम प्रमुख निर्माण कार्य है. सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधिकारियों एवं कर्मियों को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि इतनी ऊंचाई पर पुलों और सड़कों का निर्माण किसी चमत्कार से कम नहीं है.

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