द्रमुक पर भारी पड सकती है अलागिरी की बगावत

चेन्नई : द्रमुक से निकाले गए पूर्व केंद्रीय मंत्री एमके अलागिरी के बागी तेवर इस पार्टी की लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीदों को धक्का पहुंचा सकते हैं. पार्टी पहले ही सत्तारुढ अन्नाद्रमुक और भाजपा नीत राजग से कडी चुनौती का सामना कर रही है. अलागिरी की बगावत को पहले करुणानिधि के परिवार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 25, 2014 2:23 PM

चेन्नई : द्रमुक से निकाले गए पूर्व केंद्रीय मंत्री एमके अलागिरी के बागी तेवर इस पार्टी की लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीदों को धक्का पहुंचा सकते हैं. पार्टी पहले ही सत्तारुढ अन्नाद्रमुक और भाजपा नीत राजग से कडी चुनौती का सामना कर रही है. अलागिरी की बगावत को पहले करुणानिधि के परिवार के अंदरुनी कलह के रुप में देखा गया, लेकिन उनके निलंबन के बाद संकट गहरा गया. बाद में उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया.

करुणानिधि के बडे बेटे अलागिरी अपने छोटे भाई और द्रमुक की कमान संभाल रहे एमके स्टालिन से दो-दो हाथ करने पर आमादा हैं. मदुरै में खासा प्रभाव रखने वाले अलागिरी ने हाल ही में भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी. उन्होंने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की भी सराहना की. अब वह अपने समर्थकों के साथ भविष्य की योजना को लेकर बातचीत कर रहे हैं तथा उनकी राजनीतिक गतिविधियों ने द्रमुक नेतृत्व के लिए खासी मुश्किलें खडी कर दी हैं.

पार्टी अलाकमान ने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को चेतावानी दी है कि जो भी अलागिरी से संपर्क करेगा उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. मौजूदा समय में कांग्रेस, भाजपा और द्रमुक के नेता चुनाव में उनका समर्थन हासिल करने की कोशिश में हैं. दक्षिणी तमिलनाडु में द्रमुक के लिए ज्यादा मुश्किल पैदा हो सकती है.

Next Article

Exit mobile version