मच्छरों के खिलाफ़ होगा ‘हनीट्रैप’ का इस्तेमाल

आपने विभिन्न देशों की खुफिया एजेंसियों द्वारा हनीट्रैप के जरिये शत्रु राष्ट्र की गोपनीय जानकारियां निकालने के किस्से तो सुने होंगे. लेकिन अब इस हनीट्रैप का इस्तेमाल मच्छरों के खिलाफ भी किया जाएगा. वैज्ञानिकों ने इस काम को अंजाम देने के लिए एक खास उपकरण तैयार किया है. नर मच्छरों को भरमाने वाला यह खास […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 9, 2016 8:55 AM

आपने विभिन्न देशों की खुफिया एजेंसियों द्वारा हनीट्रैप के जरिये शत्रु राष्ट्र की गोपनीय जानकारियां निकालने के किस्से तो सुने होंगे. लेकिन अब इस हनीट्रैप का इस्तेमाल मच्छरों के खिलाफ भी किया जाएगा.

वैज्ञानिकों ने इस काम को अंजाम देने के लिए एक खास उपकरण तैयार किया है. नर मच्छरों को भरमाने वाला यह खास उपकरण ऑस्ट्रेलिया की जेम्स कुक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ब्रायन जॉनसन और स्कॉट रिची ने ईजाद किया है.

यह उपकरण मादा मच्छरों जैसी आवाज पैदा करता है. इस आवाज से आकर्षित होकर डेंगू और पीला वर जैसी बीमारियों की कारक प्रजाति एडिस एजिप्टि के नर मच्छर इसमें फंस जाते हैं.

वैज्ञानिकों ने बताया कि यह उपकरण 484 हट्र्ज की ध्वनि पैदा करता है. यह तीव्रता मादा एडिस एजिप्टि मच्छर के पंखों से पैदा होने वाली ध्वनि के बराबर है. इस ध्वनि के छलावे में तकरीबन 95% नर मच्छर फंस जाते हैं.

जॉनसन ने बताया कि इस उपकरण की कीमत सिर्फ 20 डॉलर (करीब 1,320 रुपये) है. यह बिना किसी बाहरी प्रयास के हफ्तों चल सकता है.

आमतौर पर नर मच्छर किसी मनुष्य को नहीं काटते हैं, लेकिन मच्छरों पर नियंत्रण की कुछ तकनीकों को नर मच्छरों पर आधारित बनाने पर शोध किए जा रहे हैं. ऐसे में यह उपकरण इस दिशा में मददगार साबित हो सकता है.

Next Article

Exit mobile version