महिलाओं के लिए बेहद पतले कंडोम,नए गर्भनिरोधक बनाने के प्रयास

नयी दिल्ली : त्वचा जैसी मिलतीजुलती सामग्री से तैयार किए गए कंडोम और अन्य (अगली पीढी के) गर्भनिरोधक शायद अगले साल हकीकत का रुप ले सकते हैं. इस तरह के कंडोम और गर्भनिरोधक परिवार नियोजन में महिलाओं की भूमिका सुनिश्चित करने में मददगार साबित होंगे. माइक्रोसाफ्ट के संस्थापक और परमार्थ कार्यों से जुडे बिल गेट्स […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 19, 2014 10:13 AM

नयी दिल्ली : त्वचा जैसी मिलतीजुलती सामग्री से तैयार किए गए कंडोम और अन्य (अगली पीढी के) गर्भनिरोधक शायद अगले साल हकीकत का रुप ले सकते हैं. इस तरह के कंडोम और गर्भनिरोधक परिवार नियोजन में महिलाओं की भूमिका सुनिश्चित करने में मददगार साबित होंगे.

माइक्रोसाफ्ट के संस्थापक और परमार्थ कार्यों से जुडे बिल गेट्स ने आज यहां कहा कि ऐसी सामग्री पर कुछ प्रौद्योगिकी है जो बेहद सूक्ष्म और प्रभावी अवरोध बनाए रख सकती हो. ‘‘मुझे लगता है कि अगले साल तक हम जरुर यह देख पाएंगे कि क्या यह पर्याप्त है.’’ सिएटल में गेट्स का ‘‘बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन’’ इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं का वित्त पोषण कर रहा है. भारत में परिवार नियोजन की जरुरत पर जोर देते हुए मेलिंडा गेट्स ने कहा कि फाउंडेशन ऐसी प्रौद्योगिकी पर काम कर रहा है जो महिलाओं को ‘‘अधिकार तथा और अधिक विकल्प’’ देगी.

मेलिंडा गेट्स ने कहा ‘‘कंडोम के अलावा हम महिलाओं के लिए प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहे हैं जो एक दशक में नहीं किया गया.’’ उन्होंने कहा ‘‘उदाहरण के लिए लिस्टरीन मेथ जीभ में ही घुल जाता है. कुछ ऐसी ही प्रौद्योगिकी हो जिसका उपयोग महिलाएं अपनी योनि के लिए कर सकें और वह परिवार नियोजन में मददगार हो। मेरे लिये यह वास्तविक अविष्कार होगा क्योंकि यह महिलाओं को अधिकार देगा.’’ मेलिंडा ने कहा कि करीब 3.3 करोड लोगों ने हमसे परिवार नियोजन की जरुरत के बारे में कहा.

‘‘अगर आप दिल्ली जैसे शहरी इलाके में हैं तो यह आसान है लेकिन ग्रामीण इलाकों में महिलाओं में जागरुकता तो है लेकिन संसाधन नहीं हैं.’’ भारत आए बिल एवं मेलिंडा ‘‘आल लाइव्स हैव इक्वल वैल्यू’’ समारोह में लेखक चेतन भगत से बात कर रहे थे.

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