बिहार में इस जगह मिले गुप्तकालीन सभ्यता के प्रमाण

-अरवल जिले के लारी गढ़ में एक महीना पहले ही शुरू हुआ था उत्खननपटना : अरवल जिले के लारी गढ़ में इतिहास के नये अध्याय खुल सकते हैं. वहां खुदाई के बाद गुप्तकालीन सभ्यता के शुरुआती प्रमाण मिले हैं. उत्खनन के बाद वहां गुप्तकाल की मिट्टी की मूर्तियां, धूपदानी, मिट्टी के बरतन आदि मिले हैं, […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 16, 2019 11:40 AM

-अरवल जिले के लारी गढ़ में एक महीना पहले ही शुरू हुआ था उत्खनन
पटना :
अरवल जिले के लारी गढ़ में इतिहास के नये अध्याय खुल सकते हैं. वहां खुदाई के बाद गुप्तकालीन सभ्यता के शुरुआती प्रमाण मिले हैं. उत्खनन के बाद वहां गुप्तकाल की मिट्टी की मूर्तियां, धूपदानी, मिट्टी के बरतन आदि मिले हैं, जो गुप्त काल के बताये जा रहे हैं. लारी के टीले का पुरातात्विक उत्खनन का काम पिछले महीने ही शुरू हुआ था.

पुरातत्वविद्ध डॉ अनंताशुतोष द्विवेदी की अगुआई में की जा रही खुदाई में ही मगध के इतिहास के महत्वपूर्ण प्रमाण निकल रहे हैं. लारी इस जिले का एकमात्र सुरक्षित पुरास्थल है. यह इस जिले का सबसे पहला धरोहर स्थल भी है, जहां पुरातात्विक उत्खनन का कार्य किया जा रहा है.

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, नयी दिल्ली ने लारी गढ़ के उत्खनन के लिए पिछले वर्ष अनुमति दी थी. यह गढ़ अरवल जिले का एक मात्र पुरातात्विक स्थल है, जिसे बिहार सरकार के अधिनियम के द्वारा संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है. यहां मिले प्रमाण की कार्बन डेटिंग के बाद सही काल की जानकारी मिल सकेगी.

हेरिटेज सोसाइटी करायेगी पुरास्थल का भ्रमण

लारी में मिल रहे प्रमाण को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए विश्व विरासत दिवस 18 अप्रैल से पटना और अरवल के साथ ही नजदीकी जिलों के स्कूल व कॉलेजों के स्टूडेंट्स और टीचर्स को लारी का भ्रमण कराया जायेगा. इस टूर के लिए हेरिटेज सोसाइटी ने विशेषज्ञों की एक टीम बनायी है, जो प्रदेश में पहली बार विरासत जागरूकता की दिशा में काम करेगी. सोसाइटी की सचिव मनिता पांडे ने बताया कि उत्खनन कार्य के समय पुरास्थल पर भ्रमण करने से पुरातत्व विषय की बारीकियों को नजदीक से समझने का मौका मिलेगा. इसके साथ ही प्रतिभागियों को विषय को विस्तार से जानने के लिए रुचि विकसित होगी.

क्या कहते हैं प्रोजेक्ट निदेशक

लारी मगध का एक विशाल गढ़ है, जिसका उत्खनन कई सत्रों में करने की आवश्यकता है. पूर्व निर्धारित उद्देश्यों की प्राप्ति की दिशा में उत्खनन से सार्थक परिणाम निकल रहे हैं. अब तक कई स्थापत्य संरचनाएं, जैसे मिट्टी की मूर्तियां, खिलौने, मिट्टी के बरतन आदि मिल रहे हैं.
-डॉ अनंताशुतोष द्विवेदी, निदेशक, लारी उत्खनन

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