बच्चों के टीवी देखने के समय अधिक प्रसारित होते हैं जंक फूड के विज्ञापन

मेलबर्न: अगर आपके बच्चों की जीभ जंक फूड को देखकर ललचाती है तो यह टीवी देखने से भी हो सकता है. टीवी पर जंक फूड के विज्ञापन उस समय अधिक प्रसारित होते हैं जो समय बच्चों के टीवी देखने का होता है. एक नए अध्ययन में कहा गया है कि बच्चों को स्वास्थ्यवर्द्धक खाद्य पदार्थ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 18, 2018 4:55 PM

मेलबर्न: अगर आपके बच्चों की जीभ जंक फूड को देखकर ललचाती है तो यह टीवी देखने से भी हो सकता है. टीवी पर जंक फूड के विज्ञापन उस समय अधिक प्रसारित होते हैं जो समय बच्चों के टीवी देखने का होता है.

एक नए अध्ययन में कहा गया है कि बच्चों को स्वास्थ्यवर्द्धक खाद्य पदार्थ के विज्ञापनों की तुलना में स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले खाद्य पदार्थ के विज्ञापन दुगुने दिखाए जाते हैं.

ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि अगर कोई बच्चा हर दिन 80 मिनट तक टीवी देखता है तो वह हर साल जंक फूड के 800 से अधिक विज्ञापन देखेगा.

एडिलेड विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर लीसा स्मिथर्स ने कहा , ‘ हमने जो आंकड़ें कहीं भी देखे हैं उनमें से यह सबसे खराब हैं. ऑस्ट्रेलिया और संभवत : दुनिया में भोजन के विज्ञापनों का अध्ययन करने के लिए स्वास्थ्य शोधकर्ताओं द्वारा इस्तेमाल किए गए यह सबसे बड़े आंकड़ें हैं.’

टीवी पर खाद्य पदार्थ के सबसे अधिक दिखाए जाने वाले विज्ञापनों में स्नैक फूड , मीट, फास्ट फूड और मीठे पेय पदार्थ शामिल हैं. अध्ययन में पाया गया कि बच्चों के टीवी देखने के पीक समय के दौरान जंक फूड के विज्ञापन स्वस्थ खाद्य पदार्थ के विज्ञापनों के मुकाबले 2.3 गुना अधिक दिखाए जाते हैं.

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