New Research : फ्रूट जूस पीने से डायबिटीज का खतरा कितना? यहां जानें…

वॉशिंगटन : एक अध्ययन से पता चला है कि 100 फीसदी फल का जूस पीने से टाइप-दो मधुमेह (डायबिटीज) की चपेट में आने की आशंका नहीं रहती. ‘जर्नल ऑफ न्यूट्रीशनल साइंस’ में प्रकाशित शोध में पाया गया कि खाना खाने से पहले के खून में ग्लूकोज के स्तर, इंसुलिन के स्तर या इंसुलिन की प्रतिरोधकता […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 19, 2018 3:56 PM

वॉशिंगटन : एक अध्ययन से पता चला है कि 100 फीसदी फल का जूस पीने से टाइप-दो मधुमेह (डायबिटीज) की चपेट में आने की आशंका नहीं रहती.

‘जर्नल ऑफ न्यूट्रीशनल साइंस’ में प्रकाशित शोध में पाया गया कि खाना खाने से पहले के खून में ग्लूकोज के स्तर, इंसुलिन के स्तर या इंसुलिन की प्रतिरोधकता के स्तर पर 100 फीसदी जूस पीने से कोई खास असर नहीं पड़ता.

ये नतीजे पिछले शोध के उन निष्कर्षों से मिलते-जुलते हैं जिनमें संकेत दिया गया था कि 100 फीसदी फल के जूस का टाइप-दो मधुमेह विकसित होने के बढ़े हुए जोखिम से नहीं है.

इससे इस साक्ष्य को भी बल मिलता है कि इसका ग्लाइसेमिक नियंत्रण पर कोई खास असर नहीं पड़ता. मधुमेह से प्रभावित मरीजों के खून में ग्लूकोज के स्तर के लिए ‘ग्लाइसेमिक नियंत्रण’ शब्द का इस्तेमाल किया जाता है.

अमेरिका के सेंटर फॉर केमिकल रेग्यूलेशन एंड फूड सेफ्टी के शोधकर्ताओं की ओर से किये गये आंकड़ों के विश्लेषण में 100 फीसदी जूस पीने और खून के ग्लूकोज नियंत्रण के बीच संबंध का आकलन किया गया. टाइप-दो मधुमेह एक विकार है जिसमें शरीर इंसुलिन पर प्रतिक्रिया देने में अक्षम हो जाता है.

Next Article

Exit mobile version