प्रसव के दौरान महिला का मौखिक और शारीरिक शोषण रोकने के लिए सरकार ने जारी किये निर्देश

नयी दिल्ली : सरकार ने मातृ और नवजात मृत्यु दर घटाने के लिए प्रसव कक्ष के मौजूदा दिशा निर्देशों को समुचित ढंग से लागू करने के लिए एक देशव्यापी पहल की आज शुरुआत की. लक्ष्य कार्यक्रम के तहत दिशा निर्देशों में मां बनने वाली महिला की निजता सुनिश्चित करने, प्रसव के दौरान आरामदायक स्थिति और […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 12, 2017 12:05 PM


नयी दिल्ली :
सरकार ने मातृ और नवजात मृत्यु दर घटाने के लिए प्रसव कक्ष के मौजूदा दिशा निर्देशों को समुचित ढंग से लागू करने के लिए एक देशव्यापी पहल की आज शुरुआत की. लक्ष्य कार्यक्रम के तहत दिशा निर्देशों में मां बनने वाली महिला की निजता सुनिश्चित करने, प्रसव के दौरान आरामदायक स्थिति और महिला के किसी भी मौखिक या शारीरिक शोषण के लिए गैर-सहनशीलता की नीति और स्टाफ द्वारा अनावश्यक भुगतान की मांग नहीं करना शामिल हैं.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने प्रसूति उच्च निर्भरता इकाइयों (एचडीयू) एवं गहन देखभाल इकाइयों के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक मोबाइल एप्लीकेशन के लिए परिचालन दिशा-निर्देश जारी किये. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं कि विशेषकर शिशुओं के जन्म के समय प्रसव कक्षों में देखभाल की गुणवत्ता बेहतर करना अत्यंत जरुरी है, ताकि मां एवं नवजात शिशु दोनों के ही जीवन को कोई खतरा न हो.

मंत्रालय के एक अधिकारी ने दिशा निर्देशों का हवाला देते हुए कहा, लक्ष्य के तहत प्रसव कक्ष की टीमें यदि प्रसव कक्ष के दिशा निर्देशों के अनुसार अपने लक्ष्य को समयबद्ध तरीके से हासिल कर लेती है तो उन्हें पुरस्कृत किया जायेगा.

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