जोड़ों के दर्द में संधि मुद्रा होगा लाभदायक

मां ओशो प्रिया संस्थापक, ओशोधारा सोनीपत संधि का अर्थ है- जोड़. जोड़ों के दर्द में जोड़ में सूजन आ जाती है और यह आपके किसी भी हिस्से में हो सकता है. हड्डियों में दर्द ज्यादातर बुजुर्गों को होता है, पर आजकल बच्चे और जवान भी इससे बचे नहीं हैं. यह और भी चिंताजनक है कि […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 19, 2017 11:20 AM
मां ओशो प्रिया
संस्थापक, ओशोधारा
सोनीपत
संधि का अर्थ है- जोड़. जोड़ों के दर्द में जोड़ में सूजन आ जाती है और यह आपके किसी भी हिस्से में हो सकता है. हड्डियों में दर्द ज्यादातर बुजुर्गों को होता है, पर आजकल बच्चे और जवान भी इससे बचे नहीं हैं.
यह और भी चिंताजनक है कि लोग इस बारे में कम जागरूक हैं और इलाज को लेकर भी कई गलतफहमियां हैं. जोड़ों का दर्द कई कारणों से होता है, जैसे- किसी प्रकार की चोट का लगना, जोड़ पर ज्यादा दबाव पड़ना या किसी तरह की बीमारी, जिसमें आर्थराइटिस प्रमुख है. जरूरत से ज्यादा प्रोटीनयुक्त पदार्थों का सेवन भी इसका एक बड़ा कारण है, जिससे रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है.
कुल मिलाकर, यह खराब जीवनशैली से उपजा रोग है. यह समस्या पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा पायी जाती है. मोटे लोगों में जोड़ों के दर्द का शिकार होने की संभावना अधिक होती है. शरीर में जहां कहीं भी जोड़ों में दर्द हो, संधि मुद्रा से बहुत लाभ होगा. एक ही स्थिति में लगातार बैठे रहने या सारा-सारा दिन खड़े रहने से कलाइयों, टखने, कंधे आदि से दर्द की समस्या होती है. नियमित अभ्यास से इस समस्या को कम किया जा सकता है.
कैसे करें: दायें हाथ से पृथ्वी मुद्रा बनाएं अर्थात अंगूठे के अग्रभाग को पृथ्वी तत्व वाली अनामिका उंगली के अग्रभाग से मिलाएं. बायें हाथ से आकाश मुद्रा बनाएं अर्थात अंगूठे के अग्रभाग को मध्यमा उंगली के अग्रभाग से मिलाएं.
कितनी देर: 15 मिनट चार बार.
संपर्क : शोधारा, मुरथल, सोनीपत,
हरियाणा-131027, दूरभाष : 09015844228

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