दिमागी बीमारी को दूर करेंगे ये हेल्दी फूड्स, बढ़ेगी स्‍मरण शक्ति

अल्जाइमर्स दिमागी बीमारी है, जिसमें मरीज की याददाश्त और निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है. उम्र बढ़ने और दिमागी कामों में कमी के कारण यह रोग होता है. 60-65 की उम्र के बाद के लोगों में इसका असर ज्यादा देखने को मिलता है. इसमें मस्तिष्क की कोशिकाओं की क्षति के कारण दिमाग के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 20, 2017 2:33 PM
अल्जाइमर्स दिमागी बीमारी है, जिसमें मरीज की याददाश्त और निर्णय लेने की क्षमता कमजोर हो जाती है. उम्र बढ़ने और दिमागी कामों में कमी के कारण यह रोग होता है. 60-65 की उम्र के बाद के लोगों में इसका असर ज्यादा देखने को मिलता है. इसमें मस्तिष्क की कोशिकाओं की क्षति के कारण दिमाग के पास संदेशों के संचार में समस्या आती है.
इस कारण स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है. निर्णय लेने में परेशानी होती है. पहचानने की क्षमता भी घट जाती है. व्यक्ति उत्तेजित हो जाता है, तनाव, अवसाद, नींद में कमी के लक्षण हावी हो जाते हैं. याददाश्त को मजबूत बनाने के लिए खान-पान का ख्याल रखना जरूरी है. साथ ही शारीरिक और मानसिक कसरत भी लाभकारी है.
डार्क चाॅकलेट भी फायदेमंद : डार्क चाॅकलेट में फ्लेवोनाॅयड पाया जाता है. यह याददाश्त एवं अन्य संज्ञानात्मक कार्यों को बेहतर बनाने में मदद करता है. पानीवाला फल अल्जाइमर्स में फायदेमंद है. ये मस्तिष्क की स्मृति को शक्ति प्रदान करता है.
याददाश्त को बनाये रखने के लिए शरीर को तरल पदार्थ की आवश्यकता होती है, जैसे- खीरा, तरबूज, ककड़ी, सट्राबेरी, खरबूज, हरी सब्जियों का सेवन करें. प्रतिदिन 10-12 गिलास पानी भी पीएं. साबूत अनाज एवं भूरा चावल में विटामिन बी पाया जाता है, जो सामान्य रूप से मस्तिष्क के संचालन में मदद करता है. यह धीरे-धीरे ग्लूकोज को रक्त में मुक्त करता है और शरीर को क्रियाशील रहता है. सूखा मेवा जैसे- अखरोट, काजू, बादाम आदि में ओमेगा-3 फैटी एसिड और प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है.
यह मस्तिष्क के लिए फायदेमंद है. सूखे मेवे में विटामिन-इ भी अधिक पाया जाता है, जो अल्जाइमर्स एवं अन्य लोगों में याददाश्त और सूझबूझ बनाये रखते है. हर्बल चाय में भी प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो मस्तिष्क को हमेशा जवान बनाये रखते हैं एवं फ्री रैडिकल से कोशिकाओं को बचाते हैं.
ऑलिव आॅयल में फैटी एसिड व पोलीफिनोलिक कंपाउंड पाया जाता है, जो दिमाग के सूजन को कम करता है और स्मरण शक्ति को बढ़ाता है. तीसी में प्रोटीन एवं फाइबर पाया जाता है. इसके प्रयोग से मस्तिष्क तेजी से काम करता है. जामुन में भी एंटीऑक्सीडेंट पाये जाते हैं.
यह बेस्ट ब्रेन फूड माना जाता है. केला में मैग्नीशियम होता है, जो मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाता है. अल्जाइमर से बचने के लिए काॅपरयुक्त आहार का कम सेवन करना चाहिए. इससे अल्जाइमर्स का खतरा बढ़ जाता है. तिल, काजू, सूखे टमाटर, मक्खन, चीज, फ्रायड फूड, जंक फूड, रेड मीट, पेस्ट्रीज और मीटा का सेवन न ही करें तो बेहतर. बीटरूट में विटामिन-बी होता है, जो दिमाग को तुरंत सिग्नल भेजता है और मेमोरी तेज करता है. व्यायाम करने से, अच्छी नींद लेने से, गाने सुनने से, जोर जोर से पढ़ने से, क्रॉस वर्ड, पजल गेम खेलने से मस्तिष्क की अच्छी कसरत होती है.
समुद्री मछलियां हैं फायदेमंद
अल्जाइमर्स के मरीजों के लिए समुद्री मछलियां, जिसमें प्रचुर मात्रा में ओमेगा-3 फैटी एसिड, पौष्टिक वसा पाया जाता है लेना फायदेमंद होगा. इनमें ट्यूना, सालमन, मैकेरल एवं सारडिन मछली को शामिल करते हैं. पालक में प्रचुर मात्रा में आयरन पाया जाता है, जिससे हमारी याद रखने की क्षमता बढ़ जाती है. इसके सेवन से दिमाग में कुछ ऐसे तत्वों का रिसाव होता है, जो हमारी दिमागी क्षमता को बढ़ा देता है.
इसलिए आहार में पालक का होना आवश्यक है. टमाटर में लाइकोपिन एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो शरीर में उपस्थित फ्री रैडिकल के प्रभाव को कम करता है, जिससे अल्जाइमर्स रोगियों को लाभ मिलता है. सलाद में इसे शामिल कर सकते हैं. अनार में भी एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो अल्जाइमर्स के असर को कम करता है. ब्रोकली एक एेसी सब्जी है, जिसमें कैल्शियम, विटामिन-बी, विटामिन-के बहुतायात में पाया जाता है. यह भी फ्री रेडिकल कणों से लड़ने में मदद करता है.

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