जीएसटी के बाद घूमना-फिरना हुआ सस्ता, लेकिन पर्यटक अभी भी है भ्रम में

जीएसटी के बाद देश में घूमना-फिरना कुछ सस्ता हुआ है. इसे लेकर टूर ऑपरेटर प्रसन्न नजर आ रहे हैं, लेकिन पिछले दो सप्ताह से इनकी बुकिंग प्रभावित है. इसका मुख्य कारण यही है कि जीएसटी की दर को लेकर टूर ऑपरेटरों में अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है. इस कारण वे बुकिंग नहीं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 18, 2017 12:48 PM
जीएसटी के बाद देश में घूमना-फिरना कुछ सस्ता हुआ है. इसे लेकर टूर ऑपरेटर प्रसन्न नजर आ रहे हैं, लेकिन पिछले दो सप्ताह से इनकी बुकिंग प्रभावित है. इसका मुख्य कारण यही है कि जीएसटी की दर को लेकर टूर ऑपरेटरों में अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है.
इस कारण वे बुकिंग नहीं कर रहे हैं. ज्ञात हो कि पहले सूबे में पर्यटन से अच्छी आमदनी होती थी. यहां पहले शराबबंदी लागू होने के बाद पर्यटन उद्योग को धक्का लगा था, लेकिन नयी टैक्स दर से पर्यटन व्यवसायियों में उम्मीद जगी है. पर्यटन विशेषज्ञों की मानें तो भारत आना कभी सस्ता नहीं रहा है. जीएसटी के बाद विदेशी पर्यटकों को पहले की अपेक्षा अधिक कर का भुगतान करना होगा. इसका असर भारतीय पर्यटन उद्योग पर प्रत्यक्ष रूप से पड़ेगा. दूसरी ओर जीएसटी का लाभ मध्यम वर्ग के लोगों को मिला है.
जीएसटी के तहत टूर ऑपरेटर को जहां बुकिंग पर पांच फीसदी जीएसटी देना होगा, वहीं गाइड, फोटोग्राफर अन्य सेवा लेने पर उनके इनवायस भी तैयार करने होंगे. उनके पंजीकृत नहीं होने से 18 फीसदी टैक्स ऑपरेटर को चुकाना होगा. इसका असर पर्यटक की जेब पर ही पड़ेगा.
विजिट बिहार के प्रबंध निदेशक प्रकाश चंद्रा ने बताया कि घूमने-फिरने वाले लोगों के लिए राहत की बात है. पहले 9 फीसदी सर्विस टैक्स लगता था, अब वह घट कर 5 फीसदी हो गया है. जिसके कारण अब पैकेज टूर सस्ता हो गया है. इतना ही नहीं बिहार के होटलों में लक्जरी टैक्स और सर्विस टैक्स मिलाकर 20 फीसदी देना पड़ता था, जो जीएसटी में 18 फीसदी हो गया है.
इंडियन टूरिस्ट ब्यूरो की प्रबंधक आर प्रियंका का कहना है कि पर्यटन क्षेत्र में जीएसटी की दरें पहले की अपेक्षा कम कर दी गयी हैं. इसके बावजूद पर्यटन व्यवसाय पर बुरा असर देखा जा रहा है. जीएसटी लागू होने के बाद लोगोें में भ्रम पैदा हो गया है. उन्हें लगता है कि अब 18 फीसदी कर चुकाना पड़ेगा, पर ऐसी कोई बात नहीं है. वह मामला टूर ऑपरेटर से जुड़ा है. प्रियंका का कहना है कि जीएसटी के बाद पैकेज टूर सस्ता हो गया है. जीएसटी के पहले कैव सर्विस पर 6 फीसदी सर्विस टैक्स देना पड़ता था अब पांच फीसदी देना है.
एसोसिएशन ऑफ डोमेस्टिक टूर ऑपरेटर के वरीय सदस्य राजेश कुमार ने बताया कि 20 लाख रुपये तक के रिटर्न पर जीएसटी में पंजीकरण से छूट की वजह से गाइड, फोटोग्राफर आदि दायरे में नहीं आ रहे हैं.
वह तो कर नहीं देंगे, मगर टूर ऑपरेटर को उनके इनवायस तैयार करने होंगे. पर्यटकों के लिए गाइड, फोटोग्राफर, योगा शिक्षक आदि की सेवा लेने पर 18 फीसदी कर ऑपरेटर को भरना होगा. उन्होंने बताया कि ऑपरेटर को हर बुकिंग पर पांच फीसदी टैक्स अलग से लगेगा.
जातक ट्रैवल के महाप्रबंधक यूएन मिश्रा ने बताया कि पांच सितारा होटल में ठहरने व खाने वाले पर्यटकों को कुछ अतिरिक्त कर चुकाना होगा. लेकिन एेसे पर्यटकों पर कुछ असर नहीं होगा. जहां तक विदेशी पर्यटकों को सवाल है तो उनके लिए स्पेशल रेट ऑपरेटर के द्वारा दिया जाता है. जीएसटी के बाद बड़े-बड़े टूर ऑपरेटर अपने मार्जिन में कटौती कर रहे हैं.ताकि उनका कारोबार प्रभावित न हो.
बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के प्रबंधक गजेंद्र सिंह ने बताया कि जीएसटी के कोई असर निगम के पैकेज में कोई बदलाव नहीं आया. बाद के दिनों में बदलाव हो सकता है. उन्होंने कहा कि दो-चार फीसदी टैक्स का घटना ओर बढ़ने का असर पर्यटकों पर नहीं होता है. फिर भी जीएसटी के बाद पर्यटन उद्योग को बल मिलेगा.
एक नजर में
होटल के कमरों पर 12 से 29 फीसदी तक टैक्स. इसमें 1000 रुपये तक के कमरे जीएसटी के दायरे से बाहर है.000 से 2500 रुपये तक के कमरे पर 12 फीसदी. 2500 से 7500 रुपये तक के कमरे पर 18 फीसदी और 7500 रुपये से अधिक के कमरे पर 28 फीसदी कर है. वहीं गैर वातानुकूलित रेस्टोरेंट में 12 फीसदी और वातानुकूलित रेस्टोरेंट में खाना खाने पर 18 फीसदी टैक्स है.

Next Article

Exit mobile version