जोखिम लेकर सफलता की मिसाल गढ़ रहीं है ये युवतियां

देश और विदेश के बेहतरीन विश्वविद्यालयों से उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद अच्छी नौकरियों की कमी नहीं रहती.फिर भी अगर कोई इन नौकरियों को ठुकरा कर कुछ अलग करने का जोखिम ले तो यह हिम्मत काबिले तारीफ होगी. यहां कुछ ऐसी ही युवतियों की कहानियां हैं, जिन्होंने अच्छी नौकरियों और लग्जरी लाइफ से अलग […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 15, 2017 2:09 PM
देश और विदेश के बेहतरीन विश्वविद्यालयों से उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद अच्छी नौकरियों की कमी नहीं रहती.फिर भी अगर कोई इन नौकरियों को ठुकरा कर कुछ अलग करने का जोखिम ले तो यह हिम्मत काबिले तारीफ होगी. यहां कुछ ऐसी ही युवतियों की कहानियां हैं, जिन्होंने अच्छी नौकरियों और लग्जरी लाइफ से अलग होकर अपने मन की कुछ अलग काम करने की ठानी.
आज ऐसी साहसी महिलाएं अपने नयी सोच के साथ खुद के लिए व समाज को एक नयी राह दिखा रही है. उन्होंने अन्य लोगों के लिए भी रोजगार के नये रास्ते बनाये हैं.
(इनपुट : बीबीसी से)
विधिशा पसारी और स्तुति बघेरिया
इन दोनों की उम्र लगभग 28 साल है. दोनों ने दिल्ली के वसंत विहार के मॉडर्न स्कूल से हाई स्कूल की शिक्षा ली और उच्च शिक्षा के लिए अलग-अलग कॉलेजों में दाखिला लिया. विधिशा ने ब्रिटेन में पढ़ाई की और स्तुति अमेरिका चली गयी. विदेशों से डिग्री लेने के बाद साल 2006 में विधिशा और स्तुति वापस भारत आयी. विधिशा ने स्टॉक एक्सचेंज में नौकरी की और स्तुति भारत सरकार के ‘स्टार्टअप इंडिया’ से जुड़ गयी.
दो साल पहले दोनों ने कुछ नया करने की सोची. बीबीसी के अनुसार विधिशा और स्तुति ने मिलकर बड़े घरों की महिलाओं द्वार एक या दो बार पहने गये महंगे ब्रांडेड कपड़े को मध्यम वर्ग की महिलाओं व युवतियों तक लाने की सोची.
क्योंकि मध्यम वर्ग की महिलाएं इन कपड़ों को बजट से बाहर होने के कारण नहीं खरीद सकती हैं. इस कारण इन दोनों ने अपनी एक और सहेली निराली के साथ मिलकर ‘रेकिंज़ा’ नाम की एक वेबसाइट शुरू की.
इसके तहत वो बड़े ब्रांड के कपड़े अमीर महिलाओं से खरीदकर उन्हें मध्यवर्ग की महिलाओं को कम कीमत पर बेचती थीं. अब उनका यह प्रयास लोकप्रिय होने लगा है. वैसे अभी रेकिंजा बंद कर दिया है. दूसरे नाम से व्यापक स्तर पर इसे लाने की योजना हैं.
मिली अग्रवाल और अमांडा भंडारी
इन दोनों सहेलियां ने साकेत के एमिटी स्कूल’ में एकसाथ पढ़ायी की. दोनों नौकरी भी करती हैं मगर उन्होंने अपना एक वेब पोर्टल भी शुरू किया है जो फैशन के बारे में है. स्टाइल कॉकेट्स’ के नाम से शुरू किए गये पोर्टल के माध्यम से दोनों उन लड़कियों और महिलाओं की मदद करती हैं जो अच्छा दिखना चाहती हैं. इसमें वो सिर्फ सलाह देने का काम करती हैं.
बीबीस के अनुसार अमांडा कहती हैं कि हमारे ब्लॉग पर महिलाएं सवाल पूछती हैं और हम बताते हैं कि वो किस तरह के बदलाव कर पहले से ज्यादा बेहतर दिख सकती हैं.मिली और अमांडा दोनों नौकरी करते हुए अपने पोर्टल को मैनेज कर रही हैं. मगर बढ़ती लोकप्रियता के कारण अब वो नौकरी छोड़कर पूरी तरह से ‘स्टाइल कॉकेट्स’ पर ध्यान लगाना चाहती हैं.
अंजलि बत्रा
27 साल की अंजलि पढ़ाई पूरी करने के बाद ‘पीआर’ कंपनी में काम करने लगीं. वह खाने की शौकिन रही हैं, इसलिए उन्होंने फेसबुक पर खाने से संबंधित अपना एक पेज शुरू किया. वह खाने के शौकिन लोगों को उन जगहों की जानकारी देने का काम करती थीं, जहां मन पसंद व्यंजन मिल सके. धीरे-धीरे फेसबुक पर उनके 65 हज़ार फॉलोअर हो गये.
फिर बड़े-बड़े खाने के ब्रैंड्स ने उनसे संपर्क करना शुरू किया और अपने प्रचार के लिए उन्हें अच्छी रकम का प्रस्ताव देना शुरू किया. उनका ये प्रयास अब व्यावसायिक मॉडल बन गया और उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर एक ‘वेबसाइट’ लॉन्च कर दी. इसका नाम ‘फूड टॉक इंडिया’ है.

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