यहां तो उम्रदराज लोग भी छेड़ने से बाज नहीं आते

लड़कियों की बात को लोग इश्यू बना लेते हैं. लोग छेड़खानी होते देख उनकी मदद करने से अधिक मजा लेना पसंद करते हैं. यही कारण है कि लड़कियां अपने साथ हो रही छेड़खानी की शिकायत तक नहीं करती हैं. बस में जा रही हो या फिर कहीं पब्लिक प्लेस पर खड़ी हों. हर पल होने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 10, 2017 1:35 PM
लड़कियों की बात को लोग इश्यू बना लेते हैं. लोग छेड़खानी होते देख उनकी मदद करने से अधिक मजा लेना पसंद करते हैं. यही कारण है कि लड़कियां अपने साथ हो रही छेड़खानी की शिकायत तक नहीं करती हैं. बस में जा रही हो या फिर कहीं पब्लिक प्लेस पर खड़ी हों.
हर पल होने वाली छेड़खानियों को वह चुपचाप इग्नोर करती हैं. लोग इसका गलत फायदा भी उठाते हैं. कई बार मैं भी ऐसी घटनाअाें का शिकार हो चुकी हूं. एक बार की बात है, जब मैं बस से सफर कर रही थी. मैं बस की खिड़की वाली सीट पर बैठी थी और मेरे बाजू में एक आदमी बैठा था, जो बार-बार मेरे सामने से हाथ ले जा कर बस की खिड़की खोलने की प्रयास कर रहा था. दरअसल वह बस की खिड़की खोलने के बहाने मुझे टच करना चाहता था. मैं उसे ऐसा करने से बार-बार मना कर रही थी, पर वह मानने के बजाय लगातार अपना हाथ मेरी ओर बढ़ा रहा था.
तब मैंने बस के ड्राइवर को बोल कर उसे बस से उतारने की बात कही. बस ड्राइवर के नहीं मानने पर कहा कि यदि बस से इसे नहीं उतारा गया, तो मैं पुलिस से कंपलेन करूंगी. इतना कहते ही बस ड्राइवर ने गाड़ी रोक कर उसे उतर जाने को कहा. उस व्यक्ति काे आखिरकार बस से उतरना ही पड़ा. दूसरी घटना मेरे साथ स्टेशन पर हुई. जब एक लड़के ने मुझे जबरन पकड़ लिया. उसने मेरी कमर में हाथ डाल कर मुझे अपनी ओर खींचने की कोशिश की. इसके बाद मैं वहां हल्ला-हंगामा करने लगी.
लोगों की भीड़ इकट्टी हो गयी. थोड़ी देर में वहां पुलिस भी पहुंच गयी. इसके बाद मैंने पुलिस को सारी बात बतायी आैर लड़के को पुलिस के हवाले कर दिया. यह देखकर वहां खड़ी सभी लड़कियां और महिलाअों का भी मुझे सपोर्ट मिला. आसपास खड़े लड़के भी डर गये. अब तो घर में मेरी बहनें भी मेरी तरह बन चुकी हैं. मेरी सहेलियां भी अब इन परेशानियाें से लड़ना सीख चुकी हैं. अब उन्हें लगता है कि चुप रहना कोई सॉल्यूशन नहीं है.

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