World Earth Day 2022: ‘विश्‍व पृथ्वी दिवस’आज, जानें वो बातें जिनकी वजह से मनाया जाता है ये खास दिन

World Earth Day 2022: 22 अप्रैल को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस का मुख्य उद्देश्य लोगों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट कर पर्यावरण संरक्षण हेतु अपना सहयोग देने के लिए प्रेरित करना है

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2022 8:17 AM

World Earth Day 2022: वर्ल्ड अर्थ डे या विश्‍व पृथ्वी दिवस’आज 22 अप्रैल को हर साल मनाया जाता है. भारत समेत लगभग 195 से ज्यादा देश पृथ्वी दिवस मनाते हैं. पृथ्वी के महत्व को समझते हुए और इसके संरक्षण के लिए पूरे विश्व के लोगों ने एक दिन का चुनाव किया जिसे अब विश्व पृथ्वी दिवस के नाम से जाना जाता है.

क्यों मनाया जाता है विश्व पृथ्वी दिवस?

22 अप्रैल को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस (World Earth Day 2022) का मुख्य उद्देश्य लोगों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट कर पर्यावरण संरक्षण हेतु अपना सहयोग देने के लिए प्रेरित करना है, ताकि इस ग्रह को नुकसान पहुंचाने वाली मानव गतिविधियों को कम किया जा सके.

ऐसी कई समस्‍याएं हैं जिसके कारण आज पूरी दुनिया को पृथ्‍वी दिवस मनाना पड़ रहा है. आइए जानते हैं ऐसी बातें जिसके कारण पृथ्‍वी पर संकट बना हुआ है:

ग्‍लोबल वार्मिंग

ग्लोबल वार्मिंग पूरे विश्व के लिए एक बड़ा पर्यावरणीय और सामाजिक मुद्दा है. सूरज की रोशनी को लगातार ग्रहण करते हुए हमारी पृथ्वी दिनों-दिन गर्म होती जा रही है जिससे वातावरण में कॉर्बनडाई ऑक्साइड का स्तर बढ़ रहा है. इसके लगातार बढ़ते दुष्प्रभावों से इंसानों के लिए बड़ी समस्याएं हो रही है.

ग्रीन हाउस गैस 

ग्रीन हाउस गैसें ग्रह के वातावरण या जलवायु में परिवर्तन और अंततः ग्‍लोबल वार्मिंग के लिए उत्तरदायी होती हैं. इनमें सबसे ज्यादा उत्सर्जन कार्बन डाई आक्साइड, नाइट्रस आक्साइड, मीथेन, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन, वाष्प, ओजोन आदि करती हैं.

पॉलीथिन बनी सिरदर्द

सुविधा के लिए बनाई गई पॉलीथिन एक बड़ा सिरदर्द बन गई है. पॉलीथिन नष्‍ट नहीं हो सकती और इसके कारण यह भूमि की उर्वरक क्षमता को खत्‍म कर रही है. साथ ही भूगर्भीय जल दूषित हो रहे हैं. इसको जलाने पर निकलने वाला धुआं ओजोन परत को भी नुकसान पहुंचाता है जो कि ग्‍लोबल वार्मिंग का मुख्‍य कारण है.

अनियमित मौसम चक्र

मौसम की अपनी खासियत होती है, लेकिन अब इसका ढंग बदल रहा है. गर्मियां लंबी होती जा रही हैं, और सर्दियां छोटी. पूरी दुनिया में ऐसा हो रहा है. यही है जलवायु परिवर्तन. जलवायु परिवर्तन का असर मनुष्यों के साथ साथ वनस्पतियों और जीव जंतुओं पर देखने को मिल सकता है.

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