बोलीं नेहल संघई- कविता में मैं खुद को तलाश करती हूं

नेहल संघई ने कहा कि शौक तो बचपन से था. जब सातवीं कक्षा में थी तो पहली कविता लिखी. सातवीं से पहले ही कविता में मेरी दिलचस्पी जग गयी थी. सातवीं के बाद तो लिखने का आत्मविश्वास जग गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2021 11:29 AM

‘ए टीनएज सॉल थ्रू एब एंड फ्लो’ पुस्तक कवयित्री नेहल संघई के द्वारा लिखी गई है जो 140 पृष्ठ की है. इसकी चर्चा लोग कर रहे हैं. इस पुस्तक के प्रकाशक जानुस एडवाइजरी सर्विसेज (कोलकाता) हैं. पुस्तक और उनके जीवन के संबंध में नेहल संघई से प्रभात खबर ने खास बातचीत की है…

-कुछ अपने बारे में बतायें

मेरी प्रारंभिक पढ़ाई मॉडर्न हाई स्कूल, कोलकाता से हुई है. अभी 12वीं में हूं. कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल मुंबई में अध्ययनरत हूं.

-कविता लेखन की शुरुआत कैसे हुई?

शौक तो बचपन से था. जब सातवीं कक्षा में थी तो पहली कविता लिखी. सातवीं से पहले ही कविता में मेरी दिलचस्पी जग गयी थी. सातवीं के बाद तो लिखने का आत्मविश्वास जग गया. स्कूल मैगजीन में कविताएं छपती थी, तो उसे रुचि से पढ़ती थी. मेरे अंदर भी कविता लिखने की प्रेरणा आने लगी. जब भी मन में कोई भाव आता तो उसे कलमबद्ध करने लगी. अपने विचार को कविता के माध्यम से अभिव्यक्त करने लगी. कविता में मैं खुद को तलाश करती हूं. कुछेक कविताएं प्रभात खबर में भी छपी हैं.

-अभिव्यक्ति के लिए कविता माध्यम ही क्यों चुना?

मुझे कविता की लय आकर्षित करती है. इसका कंस्ट्रक्ट अच्छा लगता है. इसमें खुद को अभिव्यक्त करना सहज और संतोषजनक लगता है.

-अपनी कविताओं के बारे में क्या कहना चाहेंगी?

मैं जिस तरह दूसरों की लिखी कविता में अपनी भावना पाती थी, वैसे ही चाहती हूं कि लोग मेरी कविता में भी अपनी अनुभूति की तलाश करें. यदि मेरी कविताएं लोगों के मन को- हृदय को स्पर्श कर पाती हैं, तो मुझे अच्छा लगेगा.

-आपका लक्ष्य क्या है?

अभी तो आगे पढ़ना है. मैं चाहती हूं कि जो मुझे पसंद है मैं उसी काम को अच्छे से करूं. बिजनेसवुमन बनना, सीइओ बनना चाहती हूं. साथ ही मैं कविता के क्षेत्र में भी अच्छा करना चाहती हूं.

दयालुता का दर्द हर लेने वाला स्पर्श

आपकी मुस्कुराहट किसी का दिन बना सकती है

प्रशंसा के दो शब्द दुख को दूर भगाते हैं

अगर आपको उनकी कहानी नहीं पता है,

तो कृपा करके आप रूखा न होएं

सिर्फ एक वाक्य किसी का एक दिन

अच्छा दिन बना सकता है

या बिगाड़ सकता है पूरा दिन

(‘द हीलिंग टच ऑफ काइंडनेस’ कविता का अनुदित अंश)

किशोर मन को छू लेनेवाली इन कविताओं में कुछ खुशियां हैं तो कुछ गम

पुस्तक का नाम है ए टीनएज सॉल थ्रू एब एंड फ्लो. जाहिर है नाम से ही स्पष्ट है कि यह किशोर मन की अभिव्यक्ति है. माध्यम बनी है कविताएं. किशोर मन में उठनेवाले भावों को कविताओं में पिरोया गया है. कवयित्री नेहल इसे आत्मावलोकन की यात्रा का प्रयास कहती हैं. पुस्तक की अपनी प्रस्तावना में उन्होंने खुद को शौकिया कवि माना है. वह लिखती हैं कि मेरी कविताएं जीवन की छोटी-छोटी खुशियों में परम आनंद की तलाश है.

अंग्रेजी भाषा में लिखित कविताओं का यह संकलन छ: खंडों में है. कुल 71 कविताएं हैं. इन कविताओं में अब तक जिये गये अनुभवों के विविध रंग हैं. कुछ खुशियां हैं तो कुछ गम हैं. नाराजगी है तो आभार भी है. द्वंद्व है तो निरंतरता का स्थायी भाव भी है. फीनिक्स पक्षी की तरह उठ खड़े होने का भाव भी मिलेगा इन कविताओं में. संकलन की कविताएं प्रेरणा देनेवाली हैं. किशोर मन को छू लेनेवाली यह कविताएं युवा पाठकों को रुचिकर लगेंगी. इन कविताओं में वो अपने एहसास को पा सकते हैं.

पुस्तक : ए टीनएज सॉल थ्रू एब एंड फ्लो

कवयित्री: नेहल संघई

प्रकाशक: जानुस एडवाइजरी सर्विसेज, कोलकाता

मूल्य: रु 250.00

पृष्ठ: 140

Posted By : Amitabh Kumar

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