Kisan Diwas 2022: चौधरी चरण सिंह की जयंती पर आज मनाया जा रहा है किसान दिवस, जानें क्यों खास है ये दिन

Kisan Diwas 2022: भारत में किसान दिवस 23 दिसंबर को मनाया जाता है. इस दिन को विशेष रूप से चौधरी चरण सिंह के उत्सव के लिए चुना गया था, जो देश में किसानों के कल्याण के लिए काम करने वाले अग्रदूतों में से एक थे. आइए जानें किसान दिवस का इतिहास और इस दिन का महत्व

By Shaurya Punj | December 23, 2022 6:31 AM

National Farmers Day 2022 know importance history and significance: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती (23 दिसंबर) को देश भर में ‘किसान दिवस’ या राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस समाज में किसानों के योगदान और देश के समग्र आर्थिक एवं सामाजिक विकास के महत्त्व को समझने के लिये नागरिकों के बीच जागरूकता को बढ़ावा देने हेतु मनाया जाता है. सरकार का उद्देश्य कृषि पर वाद-विवाद और सेमिनार जैसी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करके देश भर के किसानों को प्रोत्साहित करना भी है.

किसान दिवस का इतिहास

किसान दिवस एक ऐसा दिन दिन है जिस दिन हम देश के किसानों और उनके काम का जश्न मनाता है. भारत में यह दिन 23 दिसंबर को मनाया जाता है. इस दिन को विशेष रूप से चौधरी चरण सिंह के उत्सव के लिए चुना गया था, जो देश में किसानों के कल्याण के लिए काम करने वाले अग्रदूतों में से एक थे. इस दिन को अर्थव्यवस्था में भारतीय किसानों की भूमिका को याद करने के लिए चिह्नित किया गया है. यह दिन चौधरी चरण सिंह की जयंती पर मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने छोटे और सीमांत किसानों के मुद्दों को सबसे आगे लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वह हमेशा किसानों के अधिकारों के लिए लड़े और खड़े रहे.

किसानों को दिया जाता है प्रोत्साहन

किसानों का देश की प्रगति में बड़ा योगदान होता है, इसलिए हमें किसानों को सम्मान देना चाहिए. केंद्र और राज्यों की सरकारें किसानों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती हैं. इस विशेष दिवस का उद्देश्य ही यही है कि किसानों के योगदान को सराहा जाए. देश में इस अवसर पर किसान जागरूकता से लेकर कई तरह के कार्यक्रम होते हैं. आइए जानते हैं दुनिया के अन्य देशों में कब मनाया जाता है किसान दिवस.

यह दिन भारतीय किसानों के योगदान के सम्मान में और देश में उनके महत्व को गौरवान्वित करने के लिए मनाया जाता है. इस वर्ष, तीन विवादास्पद कृषि कानूनों की वापसी की पृष्ठभूमि में यह दिवस मनाया जा रहा है. चौधरी चरण सिंह के कारण ही देश में जमींदारी प्रथा खत्म हुई थी. वो देश के जानेमाने किसान नेता थे, जिनका राष्‍ट्रीय राजनीति में अहम योगदान रहा है.

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