LPG गैस सिलेंडर पर इस तरह से बनाए खाना, बचेगी 50 प्रतिशत से ज्यादा गैस

LPG Home Tricks: रसोई गैस सिलेंडर आजकल सभी के घर में होता है. एलपीजी के दाम जैसे-जैसे बढ़ते हैं, वैसे-वैसे आम आदमी की जेब भी बढ़ती जाती है। बिना रसोई गैस के एक घंटा भी नहीं गुजरता. हम आपको ऐसे उपाए बताने जा रहे हैं, जिससे आपकी रसोई गैस 50 प्रतिशत से ज्यादा बच सकती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2021 4:22 PM

भारत के करीब करीब हर घर में एलपीजी गैस सिलिंडर पहुंच गया है. खाना बनाने की प्रक्रिया को ये आसान तो बनाता ही है, साथ ही प्रदूषण रहित होने के कारण ये हमारे लिए काफी उपयोगी है. इन दिनों रसोई गैस के दाम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. एलपीजी के दाम जैसे-जैसे बढ़ते हैं, वैसे-वैसे आम आदमी की जेब भी बढ़ती जाती है। बिना रसोई गैस के एक घंटा भी नहीं गुजरता. हम आपको ऐसे उपाए बताने जा रहे हैं, जिससे आपकी रसोई गैस 50 प्रतिशत से ज्यादा बच सकती है.

रसोई गैस के कुछ उपाय…

  • खाना पकाने की गैस बचाने के लिए आपको खाना पकाने से पहले सभी सामग्री तैयार करनी होगी. इससे आपका समय और गैस दोनों की बचत होगी. खाना बनाते समय हमेशा सही आकार की कड़ाही या कड़ाही का इस्तेमाल करें.

  • यदि बड़े पैन का उपयोग किया जाता है, तो इसे गर्म करने के लिए अधिक गैस की आवश्यकता होगी. वहीं छोटे आकार के पैन में खाना पकाने पर भी गैस की आंच बाहर आ जाती है. खपत अधिक हो जाती है.

  • खासतौर पर किसी भी पके हुए खाने पर ढक्कन लगाना न भूलें। नहीं तो गैस महंगी होगी। ऐसे में रसोई गैस सामान्य से तीन गुना ज्यादा बर्बाद होती है। इसलिए जब भी खाना तैयार हो.. उस पर ढक्कन जरूर लगाना चाहिए.

  • अगर यह माइक्रोवेव में है तो इसे प्री-सेमीकुकिंग के बाद और तेजी से उबाला जाएगा.

  • गैस पर पकाते समय गैस को हमेशा मध्यम आंच पर ही रखें.

सर्दियों में गैस जल्दी खत्म हो जाती है. यह किसी भी सामग्री को गर्म करने का एकमात्र आधार है. इसलिए गैस, स्टोव, इलेक्ट्रिक वॉटर हीटर या सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए.

रसोई गैस से हादसा होने पर क्या करें?

अगर कहीं गैस सिलेंडर से हादसा हो तब सबसे पहले पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराना चाहिए. फिर, इसके बाद संबंधित एरिया ऑफिस ये जांच करता है कि हादसे का कारण क्या है? अगर हादसा एलपीजी एक्सीडेंट है तो एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर एजेंसी/एरिया ऑफिस बीमा कंपनी के स्थानीय ऑफिस को इस बारे में सूचित किया जाता है. इसके बाद संबंधित बीमा कंपनी को क्लेम फाइल होता है. ध्यान रहे, ग्राहक को बीमा कंपनी में सीधे क्लेम के लिए आवदेन करने या उससे संपर्क करने की जरूरत नहीं होती.

Posted By: Shaurya Punj

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