Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य, जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है. भारत के प्राचीनतम और सबसे प्रभावशाली विद्वानों में से एक थे. वे न केवल एक महान अर्थशास्त्री, शिक्षक और कूटनीतिज्ञ थे, बल्कि उन्होंने ‘चाणक्य नीति’ नामक ग्रंथ के माध्यम से जीवन के हर पहलू को सरल, सटीक और प्रभावशाली तरीके से समझाया है. चाणक्य की नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी वे उस समय थीं. आइए जानते हैं चाणक्य नीति की 5 ऐसी प्रमुख बातें जो अगर हम अपने जीवन में उतार लें, तो सफलता, सम्मान और शांति हमारे कदम चूम सकती है.
अति किसी भी चीज की बुरी होती है
चाणक्य कहते हैं, “अतिदानात् बलिर्बद्धः, अति मानात् सुयोधनः। अति सर्वत्र वर्जयेत्।”. अर्थात, अत्यधिक दान करने से राजा बलि बंधन में पड़ा, अधिक अहंकार से दुर्योधन का नाश हुआ. इसलिए किसी भी चीज़ की अति से बचना चाहिए. जीवन में संतुलन बनाए रखना बेहद जरूरी है. चाहे वह प्रेम हो, क्रोध हो या धन.
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गुप्त बातें गुप्त ही रखें
चाणक्य के अनुसार, अपने तीन रहस्यों को कभी किसी से शेयर नहीं करनी चाहिए. अपने धन की स्थिति, अपने परिवार की समस्याएं, और अपनी योजनाएं. अगर आप अपनी योजनाओं को सबके सामने रखते हैं तो लोग या तो उसका मज़ाक उड़ाएंगे या फिर आपको असफल बनाने की कोशिश करेंगे.
बुरे लोगों से दूरी बनाएं
चाणक्य नीति में कहा गया है कि जिस तरह जलती हुई लकड़ी के पास बैठने से कपड़े जल सकते हैं, उसी तरह बुरे व्यक्तियों की संगति जीवन को नुकसान पहुंचा सकती है. दुष्ट व्यक्ति के साथ कभी मित्रता न करें. आपकी संगति आपकी सोच और भविष्य तय करती है. इसलिए हमेशा सकारात्मक, प्रेरणादायक और चरित्रवान लोगों की संगति करें.
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शिक्षा ही असली पूंजी है
चाणक्य कहते हैं, “न चोर हार्यम्, न च राज हार्यम्, न भ्रातृभाज्यम्।” अर्थात, शिक्षा ऐसी संपत्ति है जिसे न कोई चुरा सकता है, न कोई राजा छीन सकता है और न ही इसका बंटवारा हो सकता है. हर पुरुष और महिला को अपने जीवन में शिक्षा को सर्वोपरि स्थान देना चाहिए क्योंकि यही एक ऐसा हथियार है जो जीवन भर साथ देता है.
समय और अवसर की पहचान करें
चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति समय और अवसर की पहचान नहीं करता, वह जीवन में पीछे रह जाता है. एक बुद्धिमान व्यक्ति वही होता है जो सही समय पर सही निर्णय ले सके. हर अवसर को पहचानना और उसका लाभ उठाना ही सफलता की कुंजी है.
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