Yoga Day 2022: इन रोगियों को करना चाहिए योगाभ्यास से परहेज,जानें योग से पहले और बाद का डाइट

International Yoga Day 2022, Yoga Tips And Tricks: आज यानी 21 जून को विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. योग का हर आसन हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं. योग माइग्रेन, दिल की बीमारी और अवसाद जैसी कई बीमारियों से लड़ने में कारगर है, बशर्ते उसे तकनीकी ढंग से किया जाये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2022 8:57 AM

International Yoga Day 2022, Yoga Tips And Tricks: योगा दिवस 21 जून 2022 को मनाया जाएगा. आपको बता दें योगा फायदेमंद तो है पर कुछ बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए योगा से परहेज करने को कहा जाता है. योग का हर आसन हर किसी के लिए फायदेमंद नहीं. योग माइग्रेन, दिल की बीमारी और अवसाद जैसी कई बीमारियों से लड़ने में कारगर है, बशर्ते उसे तकनीकी ढंग से किया जाये.

इन लोगों को भूल कर भी नहीं करना चाहिए योग

सिजेरियन करा चुकी महिलाएं 6 महीने तक योगासन न करें, तो बेहतर है. जिन्हें किसी अंग का ट्रांसप्लांट हुआ है, वे एक महीने बाद डॉक्टर की सलाह से योगासन या व्यायाम कर सकते हैं. बाईपास सर्जरी के मरीज खान-पान का ध्यान रखते हुए एक महीने के बाद योगगुरु की देखरेख में प्राणायाम व योगाभ्यास शुरू कर सकते हैं.

योगाभ्यास करने का सबसे सही समय

योगाभ्यास करने का सबसे सही समय सुबह माना जाता है, क्योंकि सुबह हम कम से कम 6 घंटे खाली पेट रहते हैं. हालांकि योगाभ्यास के लिए दिन में 4 टाइम बताये हैं- प्रातःकाल, सायंकाल, रात में खाने से पहले, अर्द्धरात्रि. सूर्योदय या ब्रह्ममुहूर्त सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि इस दौरान पेट हल्का रहता है और नींद लेने के बाद शरीर काफी रिलैक्स होता है. शौच आदि के बाद योग करने से ज्यादा लाभ मिलता है.

योगाभ्यास के पहले और बाद में क्या करें क्या नहीं

योगाभ्यास के आधा-एक घंटा पहले और बाद में कुछ खायें-पीयें नहीं. इस दौरान शरीर में उष्मा का स्तर बढ़ जाता है और पानी पीने से उष्मा के स्तर में तेजी से गिरावट आती है, जिससे एलर्जी, सर्दी-जुकाम हो सकता है. नहाना हो तो एक घंटा बाद बाद नहाएं.

मैट, चटाई या दरी पर ही क्यों योगाभ्यास करना चाहिए

योगाभ्यास मैट, चटाई या दरी पर ही करें, क्योकि योग करते हुए शरीर से ऊर्जा निकलती है. जमीन पर योगासन करने से पृथ्वी की ऊर्जा और शरीर की ऊर्जा से शरीर में असंतुलन होने का खतरा रहता है.

तनाव में न करें योग

योगाभ्यास प्रसन्न मन से करें, तनाव में न करें. फोन को परे रखें, आपस में बात न करें. एकांत मन से योग करें. योग मानसिक तौर पर अधिक जुड़ा है, इसलिए इसे पूरी चेतना के साथ करने से ही लाभ मिल पाता है.

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