Guru Purnima 2022 Date: गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई को, इस दिन बन रहे 4 राज योग, जान लें इस दिन का महत्व

Guru Purnima 2022 Date: गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई, दिन बुधवार को है. इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन कई शुभ योग बनने के कारण इसका महत्व बढ़ गया है. शश, हंस, भद्र और रुचक नामक 4 राज योग बन रहे हैं. इसके साथ ही इस दिन बुध ग्रह भी अनुकूल स्थिति में रहेंगे. जिससे बुधादित्य योग का निर्माण भी हो रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2022 3:38 PM

Guru Purnima 2022 Date: गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) इस बार 13 जुलाई को है. हममें से प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में गुरु की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है. कह सकते हैं कि माता और पिता के अलावा, गुरु बच्चे के पालन-पोषण और जीवन को आकार देने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. खासतौर पर भारत में, गुरु को ऐसे व्यक्ति के रूप में सम्मानित किया जाता है जो न केवल शिक्षा प्रदान करते हैं बल्कि अपने शिष्यों में मूल्यों को भी विकसित करता है और जीवन के जरूरी सबक सिखाते हैं. इसलिए, उन लोगों को सम्मानित करने के लिए समर्पित एक दिन है जिनका आशीर्वाद हमें ज्ञान, शिक्षा या कौशल के रूप में मिलता है. इस दिन को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है. यह दिन ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार जुलाई में पड़ता है. गुरु पूर्णिमा 2022 (Guru Purnima 2022) से संबंधित पूरी डिटेल आगे पढ़ें.

गुरु पूर्णिमा 2022 तारीख, समय (Guru Purnima 2022 Date)

इस साल गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई को मनाई जाएगी.

पूर्णिमा तिथि 13 जुलाई को सुबह 4:00 बजे से 14 जुलाई को दोपहर 12:06 बजे तक प्रभावी रहेगी.

गुरु पूर्णिमा पर बन रहे 4 शुभ योग (Guru Purnima 2022 Shubh Yoga)

इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन कई शुभ योग बनने के कारण इसका महत्व बढ़ गया है. इस साल गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई को पड़ रही है. ज्योतिष के अनुसार, इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं. इस दिन शश, हंस, भद्र और रुचक नामक 4 राज योग का निर्माण हो रहा है. इसके साथ ही इस दिन बुध ग्रह भी अनुकूल स्थिति में रहेंगे. जिससे बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा है. शुक्र ग्रह मित्र ग्रहों के साथ हैं. जिसे बहुत शुभ माना जा रहा है. ज्योतिष के अनुसार इस दौरान लिए जाने वाले गुरु मंत्र और दीक्षा व्यक्ति के लिए बेहद शुभ साबित होंगे.

गुरु पूर्णिमा का महत्व (Guru Purnima Importance)

वेद व्यास का जन्म आषाढ़ माह पूर्णिमा तिथि को हुआ था. वह ऋषि पाराशर और देवी सत्यवती के पुत्र थे. वेद व्यास ने ही महाभारत महाकाव्य की रचना की थी. दिलचस्प बात यह है कि ऐसा कहा जाता है कि भगवान गणेश ने इसे सुनाया था जिसे वेद व्यास ने लिखा. कहा जाता है कि वेद व्यास ने वेदों को चार वर्ग में वर्गीकृत किया है – ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद. उनकी विरासत को उनके शिष्यों पैला, वैशम्पायन, जैमिनी और सुमंतु ने आगे बढ़ाया. आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में वेद व्यास की जयंती मनाई जाती है.

भगवान शिव – आदियोगी और सप्तऋषि (Lord Shiv)

दिलचस्प बात यह है कि योगिक संप्रदाय के अनुसार, भगवान शिव पहले गुरु या योगी हैं जिन्होंने सप्तऋषियों (सात ऋषि) को ज्ञान प्रदान किया. कहा जाता है कि उन्होंने ऋषियों के साथ अपने ज्ञान को साझा करने और उन्हें योगिक ज्ञान का आशीर्वाद देने के लिए एक योगी का रूप धारण किया था. और चूंकि वे पहले गुरु हैं, इसलिए उन्हें आदियोगी कहा जाता है.

महावीर और इंद्रभूति गौतम (Lod Mahavir)

जैन धर्म का पालन करने वालों के लिए भी गुरु पूर्णिमा अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है. ऐसा इसलिए है क्योंकि 24 वें जैन तीर्थंकर भगवान महावीर ने कैवल्य प्राप्त करने के बाद गणधर इंद्रभूति गौतम को अपना पहला शिष्य बनाया था.

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गौतम बुद्ध का पहला उपदेश (Gautam buddha)

बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए गुरु पूर्णिमा तिथि महत्वपूर्ण है क्योंकि बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त करने के बाद सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था. इसलिए, बौद्ध गौतम बुद्ध को श्रद्धांजलि देने के लिए गुरु पूर्णिमा मनाते हैं.

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