World Water Day: 2030 तक करीब 40 फीसदी भारतीयों के पास नहीं होगा पीने का पानी, पढ़ें ये खास रिपोर्ट

World Water Day 2022 : केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, देश के 91 जलाशयों में सिर्फ 20 फीसदी पानी ही बचा है. हालात ये हो गये हैं कि हम लगातार भू-जल पर निर्भर होते जा रहे हैं, जिसके कारण भूमिगत जल प्रत्येक वर्ष औसतन एक फीट की दर से नीचे खिसक रहा है.

By Prabhat Khabar | March 22, 2022 9:21 AM

World Water Day : नीति आयोग के अनुसार, वर्ष 2030 तक करीब 40 फीसदी भारतीयों के पास पीने का पानी नहीं होगा. इस किल्लत का सामना सबसे ज्यादा दिल्ली, बेंगलूरु, चेन्नई और हैदराबाद के लोगों को करना पड़ेगा. रिपोर्ट के अनुसार, 2020 से ही पानी की यह परेशानी शुरू हो गयी है. आयोग के मुताबिक, देश के सामने पानी की दोहरी समस्या है- एक तरफ पानी की कमी है, दूसरी तरफ स्वच्छ जल की अनुपलब्धता है. वर्तमान समय में 1952 के मुकाबले भारत में जल की उपलब्धता एक-तिहाई रह गई है, जबकि आबादी 36 करोड़ से बढ़कर 135 करोड़ के करीब पहुंच गयी है.

हालात ये हो गये हैं कि हम लगातार भू-जल पर निर्भर होते जा रहे हैं, जिसके कारण भूमिगत जल प्रत्येक वर्ष औसतन एक फीट की दर से नीचे खिसक रहा है. इससे उत्तर भारत के ही करीब 15 करोड़ लोग भयंकर जल संकट से जूझ रहे हैं. भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के अध्ययन के अनुसार, उद्योग व ऊर्जा क्षेत्र में कुल भू-जल की मांग आज के करीब सात प्रतिशत के मुकाबले वर्ष 2025 तक 8.5 प्रतिशत हो जायेगी, जोकि वर्ष 2050 तक बढ़ कर करीब 10.1 प्रतिशत हो जायेगी.

देश के 91 जलाशयों में सिर्फ 20% पानी ही बचा

-केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, देश के 91 जलाशयों में सिर्फ 20 फीसदी पानी ही बचा है. पश्चिम और दक्षिण भारत के जलाशयों में पानी पिछले 10 वर्षों के औसत से भी नीचे चला गया है.

-जलाशयों में पानी की कमी की वजह से देश का करीब 42 फीसदी हिस्सा सूखाग्रस्त है. नीति आयोग की रिपोर्ट कहती है कि अनुमानतः दो लाख लोग हर साल स्वच्छ पानी उपलब्ध न हो पाने के कारण मरते हैं.

World water day: 2030 तक करीब 40 फीसदी भारतीयों के पास नहीं होगा पीने का पानी, पढ़ें ये खास रिपोर्ट 2
दो लाख लोगों की मौत हर साल

नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में करीब 60 करोड़ लोग भयंकर जल संकट से गुजर रहे हैं. करीब दो लाख लोगों की मौत का कारण स्वच्छ जल का नहीं मिलना बताया गया है. इसके अलावा दूषित पानी के इस्तेमाल से होनेवाली बीमारियों से भी हर साल हजारों लोगों की मौत हो जाती है.

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