Health Tip: अगर आप आइबीएस की समस्या से हैं परेशान, तो इन चीजों को खाने से करें परहेज

इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से बचने के लिए भोजन का सही चयन करना जरूरी है. कच्चे प्याज, कच्चे टमाटर, वसायुक्त, मसालेदार भोजन, साबुत अनाज और पत्तागोभी जैसे खाद्य पदार्थों से परहेज करके इससे बचा जा सकता है.

By Devendra Kumar | April 22, 2024 6:36 PM

Health Tip: इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (आइबीएस) गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से संबंधित एक सामान्य बीमारी है. यह बड़ी आंत को प्रभावित करती है. इससे पीड़ित व्यक्ति को पेट दर्द एवं मरोड़, सूजन, गैस, कब्ज और डायरिया जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर लंबे समय तक इसकी अनदेखी की जाये, तो यह अधिक गंभीर हो सकती है. यहां तक कि आंत भी क्षतिग्रस्त हो सकती है. वैसे आइबीएस किन वजहों से होता है, इसका कोई सटीक कारण अब तक पता नहीं चल पाया है. लेकिन, अनहेल्दी डायट, तनाव और हार्मोन में अंसतुलन आइबीएस की समस्या को और बढ़ा सकते हैं.
हालांकि, सही खानपान के माध्यम से आइबीएस की समस्या को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है, क्योंकि कुछ खाद्य पदार्थ दस्त, सूजन, कब्ज और पेट दर्द जैसे लक्षणों को कम कर सकते हैं. बावजूद इसके कुछ ऐसे भी खाद्य पदार्थ हैं, जो इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की परेशानी को बढ़ा सकते हैं. जानिए आइबीएस से पीड़ित व्यक्ति को किन-किन चीजों को खाने से परहेज करना चाहिए .

कच्चा प्याज

आइबीएस से पीड़ित लोगों के लिए कच्चा प्याज काफी नुकसान करता है. दरअसल, कच्चा में प्याज में फ्रुक्टेन होता है, जो एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है. कच्चा प्याज पेट में उत्तेजना पैदा कर सकता है. इसके अलावा यह पेट में सूजन, गैस और बेचैनी पैदा कर सकता है. इसलिए प्याज को अच्छी तरह पकाकर ही खाना चाहिए. इससे यह आसानी से डाइजेस्ट होने में मदद मिलती है.

कच्चे टमाटर

कच्चे टमाटर में अम्ल की मात्रा अधिक होती है. अपनी अम्लता के कारण टमाटर पाचन तंत्र में जलन पैदा कर सकता है. खासकर, उन लोगों में जिनको आइबीएस की समस्या है या जिनका पेट संवेदनशील है. टमाटर में कुछ कार्बोहाइड्रेट और फाइबर भी शामिल होते हैं, जो गैस और सूजन जैसे लक्षण पैदा कर सकते हैं. इसलिए पके हुए या छिलके वाले टमाटर का चयन आपके पाचन तंत्र के लिए बेहतर हो सकता है.

तैलीय व मसालेदार भोजन

वसा से भरपूर खाद्य पदार्थ और तैलीय मसालेदार भोजन हमारे पाचन को प्रभावित करते हैं. साथ ही ये आंत में मरोड़ पैदा करने में मदद करते हैं. इस तरह के खाद्य पदार्थों के सेवन से आइबीएस से पीड़ित लोगों को और परेशानी बढ़ सकती है. इसके अलावा मसालेदार भोजन खाने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम में जलन हो सकती है, जिससे दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है. ऐसे में भोजन में मसाले की मात्रा कम करके और तैलीय चीजों को सीमित करके आइबीएस की समस्या से राहत पा सकते हैं.

साबुत अनाज

वैसे साबुत अनाज आहार फाइबर का एक उत्कृष्ट स्रोत है. मगर साबुत अनाज में ग्लूटेन भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. यह कुछ लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों में आइबीएस के लक्षणों को बढ़ाने में सहायक भी हो सकता है. जो लोग ग्लूटेन को पचा नहीं पाते हैं, उनके लिए यह नुकसानदायक साबित हो सकता है. गेहूं, जौ और राई में ग्लूटेन पाया जाता है. ऐसे में आइबीएस से पीड़ित लोगों को इन चीजों का सेवन सीमित कर देना चाहिए या इनके सेवन से बचना बेहतर है.

पत्ता गोभी

पत्ता गोभी और अन्य क्रूसिफेरस सब्जियों जैसे ब्रोकोली और फूलगोभी में रैफिनोज नामक तत्व पाया जाता है. रैफिनोज एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट है. पत्ता गोभी कुछ लोगों में गैस और सूजन पैदा कर सकता है, खासकर आइबीएस वाले लोगों में. इन सब्जियों मौजूद जटिल शर्करा को भाप में या उबालकर कम किया जा सकता है, जिससे खाने के बाद भी पचाने में आसान हो जाता है.

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