अब घुटने का इलाज हुआ आसान, वैज्ञानिकों ने तैयार की नयी तकनीक

वाशिंगटन: वैज्ञानिकों ने बायोइंक के रूप में गाय के कार्टिलेज का इस्तेमाल कर एक नयी 3डी प्रिंटिंग प्रक्रिया विकसित की है जिससे ऑर्थराइटिस के मरीजों के घिसे हुए जोड़ो के लिए उतक संबंधी पैच का निर्माण करने में मदद मिल सकती है. बायोप्रिंटिंग को विकसित करने के लिए कार्टिलेज एक बेहतर ऊतक है क्योंकि यह […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 29, 2016 3:18 PM

वाशिंगटन: वैज्ञानिकों ने बायोइंक के रूप में गाय के कार्टिलेज का इस्तेमाल कर एक नयी 3डी प्रिंटिंग प्रक्रिया विकसित की है जिससे ऑर्थराइटिस के मरीजों के घिसे हुए जोड़ो के लिए उतक संबंधी पैच का निर्माण करने में मदद मिल सकती है. बायोप्रिंटिंग को विकसित करने के लिए कार्टिलेज एक बेहतर ऊतक है क्योंकि यह केवल एक कोशिका प्रकार से बनता है और ऊतक के अंदर कोई रक्त वाहिकाएं नहीं होतीं. उतक खुद अपनी मरम्मत नहीं कर सकता. एक बार कार्टिलेज नष्ट हो गया तो, यह नष्ट ही रहता है.

अमेरिका की पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर इब्राहिम टी ओज्बोलाट ने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य पैच डिजाइन करना या एक ऐसा उतक बनाना है जो बडी संख्या में घिसे हुए उतकों को बदल सके.’ उन्होंने कहा, ‘‘जिन लोगों को ऑर्थराइटिस होती है, उन्हें बहुत कष्ट उठाना पडता है. हम इसके लिए एक नया वैकल्पिक इलाज जानते हैं.’ इससे संबंधित निष्कर्ष साइंटीफिक रिपोर्ट्स पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं

Next Article

Exit mobile version