Lockdown : वर्क फ्रॉम होम ने बदला 67% भारतीयों के सोने का समय

Work From Home Changes Indians sleeping time कोरोना लॉकडाउन के चलते घर से काम करने के दौरान लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. दिनचर्या में आये इस परिवर्तन के कारण लोग समय पर सो तक नहीं पा रहे हैं. बीते शुक्रवार को वर्क फ्रॉम होम से जुड़े एक सर्वेक्षण की रिर्पाेट जारी की गयी, जिसमें सामने आया है कि घर से काम करने के कारण लगभग 67 प्रतिशत भारतीयों के सोने का समय बदल गया है. लॉकडाउन के बाद से अधिकतर भारतीयों ने रात 11 बजे के बाद सोना शुरू कर दिया है.

By दिल्ली ब्यूरो | April 13, 2020 11:21 AM

दिल्ली ब्यूरो : कोरोना लॉकडाउन के चलते घर से काम करने के दौरान लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. दिनचर्या में आये इस परिवर्तन के कारण लोग समय पर सो तक नहीं पा रहे हैं. बीते शुक्रवार को वर्क फ्रॉम होम से जुड़े एक सर्वेक्षण की रिर्पाेट जारी की गयी, जिसमें सामने आया है कि घर से काम करने के कारण लगभग 67 प्रतिशत भारतीयों के सोने का समय बदल गया है. लॉकडाउन के बाद से अधिकतर भारतीयों ने रात 11 बजे के बाद सोना शुरू कर दिया है.

बेंगलुरु स्थित स्लीप सॉल्यूशंस स्टार्टअप वेकफिटडॉटको द्वारा किये गये इस सर्वेक्षण में सामने आया है कि लॉकडाउन के दौरान कई लोग घर से ऑफिस का काम कर रहे हैं. साथ ही इन्हें घर के कामों में भी हाथ बंटाना पड़ रहा है. काम के पैटर्न में आये इस बदलाव ने लोगों की नींद को प्रभावित किया है.

लगभग 1500 लोगों पर किये गये इस सर्वेक्षण में 81 प्रतिशत लोगों ने उम्मीद जतायी है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद वे वापस से अपने पुराने रुटीन को अपना पायेंगे. वहीं 46 प्रतिशत लोगों ने बताया है कि देशबंदी से पहले वे रात 11 बजे तक सो जाया करते थे, जबकि अब केवल 39 प्रतिशत भारतीय ही ऐसा कर पाते हैं. 25 प्रतिशत लोगों ने बताया कि लॉकडाउन के पहले सामान्य दिनों में भी वे रात 12 बजे तक ही बिस्तर पर जा पाते थे. वहीं 35 प्रतिशत ने देर रात 12 बजे के बाद सोने की बात स्वीकारी.

सर्वेक्षण में यह भी पता चला है कि कोरोना वायरस के चलते नौकरी की सुरक्षा, बंदी के दौरान वित्त पोषण, परिजनों व दोस्तों की सुरक्षा की चिंता के कारण कई लोग अपने निर्धारित समय पर सोने में असमर्थ हैं. सर्वेक्षण में शामिल 49 प्रतिशत प्रतिभागियों में इन मुद्दों को लेकर चिंता देखी गयी.

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