भारत में बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन सितंबर-अक्तूबर तक उपलब्ध होगी : डॉ रणदीप गुलेरिया, कहा- स्कूलों को खोले जाने की जरूरत

Vaccine for children, September-October, Dr. Randeep Guleria : नयी दिल्ली : देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चों के सबसे अधिक प्रभावित होने की खबरों के बीच दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने उम्मीद जतायी है कि सितंबर-अक्तूबर तक हमारे पास बच्चों को देने के लिए वैक्सीन उपलब्ध होंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 23, 2021 9:59 PM

नयी दिल्ली : देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चों के सबसे अधिक प्रभावित होने की खबरों के बीच दिल्ली एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने उम्मीद जतायी है कि सितंबर-अक्तूबर तक हमारे पास बच्चों को देने के लिए वैक्सीन उपलब्ध होंगे.

एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया से बुधवार को यह पूछे जाने पर कि ”बच्चों के लिए वैक्सीन कब मिलने की उम्मीद है?” उन्होंने कहा कि बच्चों को आमतौर पर हल्की बीमारी होती है. लेकिन, हमें बच्चों के लिए वैक्सीन विकसित करने की जरूरत है. क्योंकि, अगर हमें इस महामारी को नियंत्रित करना है, तो सभी को वैक्सीन लगाया जाना चाहिए.

साथ ही उन्होंने कहा कि ”एक उम्मीद है कि परीक्षण जल्दी पूरा हो जायेगा और संभवत: लगभग दो-तीन महीनों के अनुवर्ती के साथ हमारे पास सितंबर तक डेटा होगा. उम्मीद है कि उससमय तक, अनुमोदन हो जायेगा, ताकि सितंबर-अक्तूबर तक हमारे पास वैक्सीन होंगे, देश जो हम बच्चों को दे सकते हैं.

उन्होंने कहा कि फाइजर को पहले ही बच्चों के लिए एफडीए की मंजूरी मिल चुकी है. साथ ही उसे भी हमारे देश में आने की अनुमति मिल गयी है. भारत बायोटेक और अन्य कंपनियां भी बहुत तेज गति से परीक्षण कर रही हैं. क्योंकि, माता-पिता अपने बच्चों के साथ परीक्षणों के लिए आगे आये हैं.

एम्स निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने स्कूल खोलने की वकालत करते हुए कहा कि ”मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि हमें स्कूल खोलने पर काम करना चाहिए. क्योंकि, इसने युवा पीढ़ी को ज्ञान के मामले में वास्तव में प्रभावित किया है और विशेष रूप से हाशिए के लोग जो ऑनलाइन कक्षाओं के लिए नहीं जा सकते हैं, वे पीड़ित हैं.

साथ ही कहा कि भौतिक विद्यालय उपयोगी होते हैं. क्योंकि, वे व्यक्तियों को बढ़ने में मदद करते हैं, स्कूल में छात्रों और अन्य गतिविधियों के बीच बातचीत होती है, जो बच्चों के चरित्र के विकास के मामले में बहुत मदद करती है. हमें ऐसी रणनीतियों पर प्रयास करना चाहिए और काम करना चाहिए, जिससे स्कूल खुल सकें.

मालूम हो कि विशेषज्ञों ने कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चों के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका जतायी है. विशेषज्ञों के मुताबिक, देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आने तक अधिकतर वयस्कों को वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी होगी. ऐसे में वयस्क सुरक्षित हो चुके होंगे. वहीं, बच्चों को अभी तक कोई वैक्सीन नहीं दी गयी है. अब तक विकसित वैक्सीन का ट्रायल 16 साल से अधिक उम्र के बच्चों पर ही किया गया है.

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